इस्लाम को उसकी उत्पति के वक्त एक बेहद वैज्ञानिक धर्म बताया गया था, लेकिन बाद के वक्त में कथित शासकों और मौलानाओं ने उसकी व्याख्या अपनी सुविधानुसार की. इसमें कई ऐसी चीजें हैं जिसे हराम बताया गया है. इसे आम लोगों के लिए वर्जित करार दिया गया है. लेकिन, शासन और प्रभावशाली वर्ग के लोग अपनी सुविधानुसार उसे तोड़-मरोड़कर इस्तेमाल करते रहे. यही हाल इस्लाम में शराब के सेवन को लेकर है. केवल आज ही नहीं बल्कि मुगल काल के संस्थापकों के वक्त से बादशाह शराब का भरपूर सेवन किया करते थे. उनके दरबार में शराब की नदियां बहती थीं. आज एक ऐसे शासक की कहानी जो दिनभर में 20 गिलास तक शराब पीता था.
जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं. मुगल वंश के संस्थापक बाबर के परपोते जहांगीर एक ऐसे बादशाह थे, जिन्होंने अपने बारे में काफी कुछ लिखा है. हालांकि कोई बहुत बड़ी उपलब्धि इनके नाम नहीं थी. वह कोई बड़ी जीत हासिल नहीं कर पाए. मगर वह औरतों और शराब के शौकीन थे. अपनी ही आत्मकथा में उन्होंने लिखा है कि वह एक समय 20 गिलास तक शराब पीते थे. दिन में 14 गिलास और रात में 6 गिलास. बाद में वह उसे घटाकर छह गिलास पर लेकर आए थे.
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ऐसे लगी आदत
जहांगीर खुद लिखते हैं कि जब वह 18 साल के थे तो एक दिन शिकार पर गए थे. वह थके हुए थे. किसी ने उनसे कहा कि मदिरा लीजिए थकान उतर जाएगी. उन्होंने ऐसा ही किया और उनको बहुत अच्छा महसूस हुआ. फिर वह नियमित रूप से पीने लगे और नशेड़ी बनते गए. यहां तक कहा जाता है कि जहांगीर के दोनों अन्य भाई भी शराबी थे और उन दोनों की मौत भी शराब की वजह से ही हुई.
जहांगीर के परदादा बाबर भी खूब शराब पीते थे. उनके पिता अकबर खुद शराब पीया करते थे. यहां तक कहा जाता है कि जहांगीर के बेटे शाहजहां जब 24 साल हो गए और उन्होंने तब तक एक कतरा भी शराब नहीं पी तो जहांगीर को विश्वार ही नहीं हुआ कि यह कैसे हो सकता है.
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बेहद कट्टर शासक
इतिहासकार ऐसा दावा करते हैं कि जहांगीर का उनके पिता अकबर के साथ रिश्ता ठीक नहीं था. जहांगीर ने बादशाह बनने के लिए अकबर के करीबी और उनके जीवनीकार अबुल फजल की हत्या करवा दी. जहांगीर ने उस वक्त ओरछा के राजा वीर सिंह देव के हाथों उनकी हत्या करवाई. अबुल फजल दक्कन से आगार की ओर लौट रहे थे तभी उन पर हमला करवाया गया था. इस घटना को सुनकर अकबर मुर्छित हो गए थे. उन्हें अपने बेटे की इस हरकत पर गुस्से की जगह बेहद दुख हुआ, लेकिन उस वक्त अकबर बूढ़े होने लगे थे. खुद जहांगीर ने अपनी किताब में इस घटना का जिक्र किया है और कहा है कि उन्होंने ऐसा किया था. हालांकि, वह स्पष्ट करते हैं कि अबुल फजल से उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं थी. उनका एक मात्र मकसद बादशाह बनना था और अगर अबुल फजल दरबार पहुंचते तो शायद वह बादशाह नहीं बन पाते. बाद में अबुल फजल के बेटे जहांगीर के एक भरोसेमंद मंत्री बने रहे.
अबुल फजल की नजर में निक्कमा थे जहांगीर
इतिहासकार बताते हैं कि अबुल फजल की नजर में जहांगीर के अंदर एक उम्दा शासक के गुण नहीं थे. ऐसे में जहांगीर को लगता था कि दरबार में अबुल फजल की मौजूदगी की वजह से उसका बादशाह बनने का सपना टूट सकता था.
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अकबर की मौत के बाद जहांगीर बादशाह बने
जहांगीर के बारे में कहा जाता है कि वह एक क्रूर बादशाह थे. उनकी क्रूरता की कहानी काफी चर्चित है. एक बार उन्होंने अपनी बेगम की एक नौकरानी को जमीन में गड़वा दिया था. चंपा के एक पौधे को काटने की वजह से उन्होंने एक नौकर का अंगूठा कटवा दिया. यहां तक कि उसने अपने बेटे खुसरो के विद्रोह करने पर उसे मौत की सजा देने की बजाय उसकी आंखें फोड़वा दी. हालांकि, बाद में उसने बेटे का इलाज भी करवाया. लेकिन, उसकी आंखों की रोशनी कभी वापस नहीं आई. 17 अक्टूबर 1605 को अकबर की मौत के बाद जहांगीर बादशाह बने.
नूरजहां से की शादी
जहांगीर ने 42 साल की उम्र में नूरजहां से निकाह किया था. उस वक्त नूरजहां की उम्र 34 साल थी. दोनों के प्यार के किस्से खूब चर्चित भी हुए. जहांगीर इस वक्त बेहद रोमांटिक इंसान दिखते हैं. 28 अक्टूबर 1627 में जहांगीर की मौत हो गई. फिर शाहजहां उनकी जगह बादशाह बने. उनके बाद उनके बेटे औरंगजेब बादशाह बने, जिसे एक बेहद क्रूर शासक कहा जाता है.
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Tags: Ajab ajab news, Mughal Emperor
FIRST PUBLISHED : March 12, 2023, 18:22 IST