नई दिल्ली. किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने और सफलता अर्जित करने का पहला और आखिरी मूल मंत्र है कठिनाइयों से पार पाना. साथ ही चुनौतियों का डट कर सामना करना. ऐसा ही कुछ कर रहे हैं रैपर शुभम वर्मा, जिन्हें स्काई वर्मा के नाम से लोग जानते हैं. कम उम्र में ही संगीत जगत में अपना नाम बनाने वाले शुभम गाजियाबाद से हैं और वे रैपिंग के साथ ही जिम ओनर भी हैं. उनका संगीत क्रिप्टोनाइट है जो निरंतरता में मदद करता है.

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जानकारी के अनुसार शुभम ने 20 साल की उम्र में रैपिंग के क्षेत्र में रुचि विकसित की और इसके लिए कड़ी मेहनत से काम करना शुरू किया. भारत में, रैपिंग मुख्यधारा का संगीत पेशा नहीं है. लेकिन इसका एक बड़ा दर्शक वर्ग है. शुभम ने जब अपने इस कॅरियर को चुना तो उनके सामने भी कई तरह की चुनौतियां थीं, परिवार को भी शुरू में ये कम समझ अया लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई और सुनिश्चित किया कि उनके परिवार को उन पर गर्व हो.

उन्होंने बताया कि मैंने अपने परिवार को मना लिया. पहले उन्होंने मुझे ऐसा नहीं करने के लिए कहा, उन्हें लगा कि मैं गलत रास्ते पर जा रहा हूं. उन्होंने मुझसे कहा कि यह हमारी संस्कृति नहीं है. लेकिन चीजें बदल गईं. अब वे मेरा समर्थन करते हैं. मेरे परिवार को मुझ पर बहुत विश्वास है और वे केवल जीवन में मेरी सफलता की कामना करते हैं.

संगीत उद्योग प्रतिस्पर्धी है, विशेष रूप से रैपिंग जैसी विशिष्ट चीज के लिए. कोई भी यात्रा बिना किसी बाधा के नहीं होती. रैपर स्काई वर्मा को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और उसी के बारे में उनका कहना है, “मैंने बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया. मुझे अभी भी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हमारे देश में बहुत कम लोग रैप संगीत सुनते हैं और इसलिए देसी हिप हॉप के दर्शकों की संख्या कम है. लेकिन मुझे पता है कि निरंतरता कुंजी है.

 



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