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अगर आपने हॉलीवुड की फिल्में देखी होंगी तो कई सीन में आपने कार में ड्राइवर को खुद ही फ्यूल भरते देखा होगा. और अगर नहीं देखा हो तो भी कोई बात नहीं. बस इतना समझिए कि अपने देश की तरह हर देश में पेट्रोल पंप पर तेल भरने वाला कोई इंसान नहीं खड़ा रहता, बल्कि ये काम खुद ही करना होता है. अब सोचिए कि अगर ऐसी जगह भी आपको सिर्फ अपनी कार को पंप या गैस स्टेशन पर ले जाकर सही जगह खड़ा कर देना हो और तेल भरने का काम आपकी बजाय कोई ऐसा कर दे, जो इंसान भी न हो फिर भी काम हो जाए, तो कैसा रहेगा.

चलिए आपको बिना भूल-भूलैया में घुमाए बताते हैं कि माजरा क्या है. दरअसल डेनिश स्टार्टअप ऑटोफ्यूल ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है, जो पेट्रोल पंप या गैस स्टेशन पर कार में फ्यूल भरने का काम करता है. यानी इस गैस स्टेशन पर कार के ड्राइवर को नीचे उतरने की जरूरत नहीं. कार के पहुंचते ही रोबोटिक आर्म के जरिए फ्यूल भर जाता है. कंपनी के मुताबिक ऐसी सुविधा देने वाला ये दुनिया का पहला और एकमात्र फ्यूल स्टेशन है. और ये गैस स्टेशन फिनलैंड में है. आइए आपको बताते हैं कि इस फ्यूल स्टेशन पर रोबोट कैसे काम करता है.

फिनलैंड में रोबोटिक गैस स्टेशन की शुरुआत
दरअसल फ्यूल स्टेशन जिसे आम तौर पर भारत में पेट्रोल पंप या गैस स्टेशन कहते हैं वहां ये रोबोट सेंसर और कैमरा की मदद से काम करता है. जैसे ही यहां कार आकर लगती है कैमरा इसके रजिस्ट्रेशन वाले नंबर प्लेट को पढ़ कर पहले तो ये तय करता है कि इसमें कौन सा फ्यूल भरा जाता है. मतलब ये कि पेट्रोल इंजन वाली कार में पेट्रोल और गैस वाली कार में गैस भरा जाएगा, ये रोबोट को नंबर प्लेट रीड कर के पता चल जाता है. इसके बाद इसका दूसरा कैमरा कार को उस पोजिशन पर लाने के लिए डायरेक्शन देने में मदद करता है जहां फ्यूल भरा जाएगा. एक बार अपने पोजिशन पर जैसे ही कार खड़ी होती है, रोबोट कार का दरवाजा खोलकर फ्यूल की टंकी को खोलने का काम करता है. फ्यूल भरते ही इस रोबोट में लगा सेंसर बता देता है कि टंकी फुल हो चुकी है और ओवरफ्लो होने से पहले ही रोबोट फ्यूल भरने का काम रोक देता है.

अब इंसान नहीं रोबोट भरेंगे फ्यूल
हालांकि अभी ये सुविधा बहुत शुरुआती दौर में है. कई सारे कार ड्राइवर्स ने अपने फीडबैक में कुछ खामियां भी बताईं हैं. जैसे रोबोट बहुत धीरे-धीरे फ्यूल भरने की प्रक्रिया पूरा करता है. कंपनी का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है. क्योंकि अभी के रेगुलेशन के हिसाब से टेस्टिंग के दौरान सेफ्टी के लिए स्पीड कम रखने की जरूरत थी. एक बार टेस्टिंग पूरा होने पर यह रोबोट बहुत स्पीड से काम करेगा. इसी तरह एक लिमिटेशन ये है कि रोबोट सिर्फ उन्हीं वाहनों में फ्यूल भरेगा जो ऑटोफ्यूल कंपनी के साथ रजिस्टर्ड हैं. ऐसे में कार मालिक अपनी इन्फॉर्मेशन्स कंपनी के साथ साझा करने में भी हिचक रहे हैं. ऑटोफ्यूल कंपनी ने इंसानों को खतरनाक रसायनों और फ्यूल के घटकों से होने वाले नुकसान को रोबोट के जरिए फ्यूलिंग का मकसद बताया है.

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