पड़ोसन ने उठाई सचिन-सीमा मामले में बड़ी बात, वकील ने कहा आएगा नोटिस!
सीमा हैदर-सचिन मीणा के पड़ोसन का धमाकेदार समर्थन, 5 वकीलों ने किया बड़ा खुलासा!
सचिन मीणा को लप्पू सा बोलने वाली पड़ोसन मिथिलेश भाटी ने समर्थन मेंं वकील सामने आए हैं। ( फोटो कलतक न्यूज़ )
“नोएडा में दिलचस्प मोड़: सचिन मीणा के अवमानना बयान पर तनाव, वकीलों की जंग आमने-सामने!”
नोएडा: सचिन मीणा के लप्पू-झींगुर कहने के विवाद से जुड़े नोएडा के न्यायिक समर्थन में एक नया चरण आ गया है। सीमा हैदर और सचिन की तरफ से वकील एपी सिंह की ओर से नोटिस दिया गया था, जिन्होंने अवमानना का नोटिस देने की बात कही थी। साथ ही, दूसरी ओर पड़ोसन भाभी मिथिलेश भाटी के समर्थन में 5 वकीलों की टीम भी जुट गई है।
दोनों पक्षों के वकील अब आमने-सामने आ गए हैं और इस मामले में नये तरीके से तनाव बढ़ गया है। वकील एपी सिंह का कहना है कि लप्पू और झींगुर जैसे शब्द अवमानना की श्रेणी में नहीं आते, और वह इस मामले का जवाब तब देंगे जब कोई नोटिस आएगा। पड़ोसन भाभी मिथिलेश भाटी के समर्थन में 5 वकीलों की टीम ने भी अपने समर्थन का प्रदर्शन किया है और उनका कहना है कि उन्हें नोटिस मिलेगा तो वह 24 घंटे में उसका जवाब देंगे।
वकील रजनीश यादव ने यह बताया कि उन्होंने इस मामले को समझकर ही उसका समर्थन किया है और सचिन मीणा की पड़ोसन मिथिलेश भाटी से मुलाकात भी की है, और उनके साथ हुई बातों को खुलकर साझा किया है। इस मामले में नोएडा जिला कोर्ट से 5 वकीलों की टीम उनके समर्थन में हमेशा तैयार रहेगी।
सचिन मीणा के बयान पर चिढ़ रही हलचल: मिथिलेश भाटी ने बताया उनके शब्दों का असल मतलब”
विवाद से घिरे नोएडा: सचिन मीणा के लप्पू-झींगुर कहने के बयान से उत्पन्न हुई उथल-पुथल में मिथिलेश भाटी ने अपने शब्दों के पीछे के सच को साझा किया है। उन्होंने कहा कि उनके बयानों का मतलब उनकी गांव की बोलचाल से जुड़ा है और वे गांव की महिलाओं की भाषा में हैं। इसके परिणामस्वरूप इस मुद्दे को बड़ा नहीं बनाया जा सकता। सचिन- सीमा हैदर के वकील एपी सिंह ने इस बयान पर नोटिस देने की बात कही थी, जिससे मामला और भी गरमागर हो गया था।
मिथिलेश भाटी ने बताया कि उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया है, बल्कि उनके बयान गांव की सामान्य बोलचाल में आते हैं। वे यह भी बता रहे हैं कि उनके बयानों की संदर्भ में उनके शब्दों का सही मतलब है जो कि उनकी गांव की भाषा में एक सामान्य तरीके से प्रयुक्त होते हैं। उनका यह बयान विवादित बयान के पीछे की वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास है, जिससे मामले का सही दृष्टिकोण सामने आ सके।