Fur Farms For Fashion Industry: फैशन इंडस्ट्री में बहुत सी चीज़ें ऐसी होती हैं, जो हमें काफी अच्छी लगती हैं लेकिन हम नहीं जानते हैं कि उनके हम तक पहुंचने के पीछे क्या-क्या रहस्य छिपे हुए हैं. कई बार तो ये राज़ इतने डरावने और घिनौने होते हैं कि सुनकर ही इंसान सदमे में चला जाए. कुछ ऐसा ही खौफनाक राज़ छिपा हुआ है चीन की फर फॉर्म्स में. यहां फैशन इंडस्ट्री को फर सप्लाई करने के लिए बेज़ुबानों के साथ अत्याचार होता है.
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में फैशन इंडस्ट्री के चक्कर में हर साल करोड़ों जानवरों (Animals Born to Die for Fashion Industry) को सिर्फ इसीलिए पाला जाता है, ताकि उन्हें मारकर फर का इस्तेमाल कपड़ों के लिए किया जा सके. इसकी कुछ रूह कंपाने वाली तस्वीरें भी मिरर की ओर से जारी की गई हैं, जिन्हें देखकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे लेकिन चीन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
मरने के लिए पैदा होते हैं जानवर
भेड़िए, रकून डॉग्स और ऊदबिलाव जैसे जानवरों को पैदा होने के लिए छोटे-छोटे पिंजरों में रखा जाता है और फिर एक दिन उनके शरीर की चमड़ी के लिए उन्हें मार दिया जाता है. चीन के फर फार्म्स में गंदे पिंजरों के अंदर रकून डॉग्स, ऊद बिलाव और फॉक्सेज़ को रहने के लिए मजबूर किया जाता है. ये पिंजरे उन्हें चलने फिरने तक की जगह नहीं देते हैं और वे मानसिक तनाव के शिकार हो जाते हैं.
करोड़ों जानवरों को सिर्फ इसीलिए पाला जाता है, ताकि उन्हें मारकर फर का इस्तेमाल किया जा सके.
हर साल यहां 10 करोड़ जानवर मार दिए जाते हैं क्योंकि उनकी चमड़ी का इस्तेमाल फैशन आइटम्स बनाने में होता है. इन जानवरों में कुत्तों, ऊदबिलाव और लोमड़ी के अलावा चिनचिला और खरगोश भी शामिल हैं. इन्हें जन्म के बाद पिंजरों से दो बार ही निकाला जाता है. एक अपनी मां से अलग करने के लिए और दूसरा मरने के दिन.

भेड़िए, रकून डॉग्स और ऊदबिलाव जैसे जानवरों को पैदा होने के लिए छोटे-छोटे पिंजरों में रखा जाता है.
चमड़ी उधेड़कर बनते हैं नर्म कपड़े
ब्रिटेन में फर फार्म्स पर रोक लगाई जा चुकी है लेकिन फर का इम्पोर्ट बंद नहीं किया गया है. ये तो साफ नहीं है कि चीन से कितना फर ब्रिटेन में जाता है लेकिन यहां चल रहे फार्म्स बताते हैं कि फर की डिमांड फैशन इंडस्ट्री में अब भी है.

जन्म के बाद पिंजरों से दो बार ही निकाला जाता है. एक अपनी मां से अलग करने के लिए और दूसरा मरने के दिन.
साल 2020 में भी मिरर की ओर से एक रिपोर्ट में बताया गया था कि जानवरों को मार-पीटकर उनकी चमड़ी निकाली जाती है. कई बार तो कुछ ज़िंदा जानवर भी फर निकालने वाली जगह पर पहुंच जाते हैं. अगर हम पूरी दुनिया की बात करें तो साल 2021 के एक आंकड़े के मुताबिक सालभर में 2 करोड़ 70 लाख से भी ज्यादा जानवर फर प्रोडक्शन की भेंट चढ़ गए.
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FIRST PUBLISHED : January 26, 2023, 14:47 IST