मोदी सरकार की नजरें EV पर! 100 शहरों में चलेंगी 10,000 इलेक्ट्रिक बसें, 55,000 नौकरियों का आश्वासन

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प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा (PM E-Bus Seva): देशभर के 100 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहलू का उद्घाटन किया गया है। यह पहल एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के तहत आयोजित की गई है, जिसका लक्ष्य 2037 तक चलने का है। यह योजना विकसितीकरण, पर्यावरण संरक्षण, और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के माध्यम से हम न केवल प्रदूषण मुक्त और विकसित यातायात की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, बल्कि आगामी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और सामाजिकता से भरपूर भविष्य भी तैयार कर रहे हैं।


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प्रधानमंत्री ई-बस सेवा (PM E-Bus Seva): सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पीएम ई-बस सेवा योजना को मंजूरी दे दी है। इससे देशभर के 100 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इस साथ ही, भारतीय रेलवे के लिए भी 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के साथ संबंधित हैं।

सरकार ने प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के लिए कुल 57,613 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसमें से केंद्र सरकार 20,000 करोड़ रुपये प्रदान करेगी और शेष राशि का भुगतान राज्य सरकारें करेंगी। यह योजना ग्रीन मोबिलिटी और जलवायु परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल भारतीय यातायात को सुरक्षित, प्रदूषणमुक्त और विकसित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल यातायात तंत्र में सुधार होगा, बल्कि यह समाज और पर्यावरण के लिए भी एक प्रभावी पहल होगी।

हालांकि इस समय यह अद्यतन किया जाना महत्वपूर्ण है कि किन शहरों में इन इलेक्ट्रिक बसों का संचालन पहले किया जाएगा, लेकिन अब तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसके संबंध में बताया है कि शहरों का चयन चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जिससे कि यह योजना 3 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को कवर कर सके, और उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनमें ऑर्गनाइज्ड बस सेवाएँ अभी तक नहीं हैं। यह पहल हमारे देश में ग्रीन और स्वच्छ परिवहन के प्रति एक सकारात्मक कदम है, जिससे हम स्थायी और सुरक्षित परिवहन की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं, साथ ही शहरों में ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्याओं का समाधान भी मिलेगा।

55,000 लोगों को रोजगार:

इस स्कीम के अंतर्गत योजना 2037 तक चलेगी, जिसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का मोड होगा, और इसके लिए आने वाले 10 सालों तक सहयोग किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण पहल के तहत सभी राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों, उत्तर-पूर्वी राज्यों और पहाड़ी स्थलों को शामिल किया जाएगा। सरकार का आदर्श है कि यह स्कीम निरंतर 45,000 से 55,000 लोगों को रोजगार प्रदान करेगी, जिससे नौकरियों की नई उम्मीदें जगेंगी।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के अंतर्गत, यह स्कीम बाइक शेयरिंग, साइकिल लेन जैसे गैर-मोटर चालित इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ बस रैपिड परिवहन परियोजनाओं को विकसित करेगी। इसके अलावा, यह योजना नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, इंटेलिजेंट ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम, मल्टीमॉडल इंटरचेंज जैसी नवाचारों को भी प्रोत्साहित करेगी।

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