रेलवे का सख्त निर्णय: ट्रेनों में सिगरेट पीना बंद
रेलवे के नियम: ट्रेन में सिगरेट पीना, जानें ये नए नियम
नियमों के अनुसार, रेलवे अधिनियम की धारा 167 द्वारा ट्रेनों में सिगरेट पीना एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसके अतिरिक्त, यदि कोई यात्री समय समय पर सिगरेट पीने की सलाह देने वाले सहयात्रियों के मना करने के बावजूद भी अपनी हरकतों में बरतता है, तो रेलवे उस पर जुर्माना लगा सकता है।
रेलवे की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, यह जुर्माना 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का हो सकता है, जो कि सिगरेट पीने वाले यात्रियों को अपनी गलत आदतों पर सोचने पर मजबूर करता है। इसके साथ ही, ट्रेनों में माचिस जलाने भी वर्जित है, क्योंकि रेलवे ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कोई आग का खतरा ना हो और सफर कर रहे यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाया जा सके।
रेलवे नियम: सिगरेट पीने पर भारी जुर्माना, जानिए नए नियमों की डिटेल
रेलवे के नियमों में हुए बदलाव के अनुसार, ट्रेनों में सिगरेट पीने पर 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। सिगरेट की जगह माचिस भी जलाना वर्जित है, क्योंकि यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाया जा सके। यह नियम लागू किया गया है ताकि ट्रेन में स्मोकिंग से आग लगने की संभावना को कम किया जा सके और साथ में सफर कर रहे यात्रियों को बेहिचक गरजने से बचाया जा सके।
ट्रेनों में आग जलने की संभावना को रोकने के लिए रेलवे ने सेंसर लगाने का निर्णय लिया है। ट्रेन के लगभग 2500 कोचों में ऐसे सेंसर्स लगाए गए हैं, जिनका उद्देश्य आग लगने की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। रेलवे एक्ट के तहत, ट्रेन में आग लगने से बचाव के लिए इस नियम का पालन किया जा रहा है, और जवानमर्यादा के उल्लंघन पर 3 साल की कैद या 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यहाँ तक कि टॉयलेट में भी सिगरेट पीने की अनुमति नहीं है। यह एक मिथक है कि टॉयलेट में सिगरेट पीने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि ट्रेनों में स्मोकिंग से आग लगने की संभावना रहती है और यात्रियों की सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता रहती है।