रिपोर्ट:कृष्ण कुमार
नागौर. जायल तहसील की मूलाराम की बेटी का एक ट्वीट ने राज्य सरकार तक को हिला के रख दिया.ट्वीट में रिश्तदारों द्वारा गलत तरीके से शहीद के बेट औरबेटियों का हक मारकर अन्य किसी को नौकरी लगवा दी गई. राज्य में वीरांगनाओं को नौकरी देने के सियासी माहौल के बाद नागौर जिले के जायल तहसील के कठौती गांव के कारगिल शहीद मूलाराम बिडियासर की पुत्री पूनम नेभी शहीद परिवार को ही नौकरी देने की मांग की हैं. शहीद मूलाराम बिडियासर की पुत्री पूनम ने बच्चों का हक मारकर अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना गलत बताया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को किएट्वीटमें बताया कि शहीद के बच्चों का हक मारकर दूसरे रिश्तेदार को नौकरी गलत है.
कारिगल युद्ध में शहीद हुए थें सैनिक
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े कारगिल युद्ध के दौरान नागौर जिले के कठौती गांव के वीर सपूत मूलाराम बिडियासर ने अहम भूमिका निभाई थी. पाकिस्तानी सेना ने उनका अपहरण कर लिया था लेकिन उन्होंने बर्बरता और अमानवीय अत्याचार के बावजूद मुंह नहीं खोला. पाकिस्तान ने उन्हें मार दिया था. इस जवान की शहादत को आज हर कोई याद करता है.
दरअसल युद्ध के दौरान बिडियासर उन पांच जवानों में शामिल थे जिनका 15 मई 1999 को कश्मीर की बजरंग पोस्ट पर पेट्रोलिंग के दौरान अपहरण कर लिया गया था. पहले से सुसज्जित बंकरों में घात लगाये बैठे घुसपैठियों ने घात लगा कर हमला किया था, इस दौरान भीषण मुठभेड़ हुई थी. नागौर जिले की जायल तहसील के गांव कठोती मे रहने वाले रघुनाथ राम और उनकी पत्नी रामेश्वरी हर पल अपने बेटे को याद करते रहते हैं. इनके बेटे मूलाराम 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे, शहीद मूलाराम बिडियासर की पुत्री ने सरकार के नियमों के मुताबिक शहीद की पत्नी के नाम पर परिवार को सुविधाएं दी गई.लेकिन शहीद की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली और रघुनाथ राम के परिवार को छोड़कर चली गई.
सरकार से नियम बदलने की अपील
शहीद मूलाराम की बेटी ने बताया कि सरकार द्वारा कुछ नियमों में परिवर्तन करना चाहिए ताकि शहीद के बच्चों को उनका हक मिल सके. शहीद मूलाराम की बेटी पूनम ने शहीद के बच्चों का हक मारकर दूसरे रिश्तेदार को नौकरी देने परकहा किसरकार के नियमों को बदले और शहीद परिवार को नौकरी देने की बात कही.
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FIRST PUBLISHED : March 13, 2023, 11:57 IST