हल्दीराम के खरीदारों के लिए खुशखबरी: टाटा का बयान

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“टाटा ग्रुप और हल्दीराम: खरीदारी में गुप्तता की चुप”
टाटा ग्रुप की ओर से और हल्दीराम की ओर से अटकलों के सवालों का दिल्ली दरबार्चे में अभी तक कोई विवाद नहीं हुआ है। खरीदारी के पीछे गुप्तता की बातें हैं, लेकिन दोनों कंपनियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस तरह की कोई बातचीत नहीं हो रही है, जिससे साफ जाहिर होता है कि वे इस विवाद को खुले मन से सुलझाना चाहते हैं।


हल्दीराम के खरीदारों के लिए खुशखबरी: टाटा का बयान,KALTAK NEWS.COM

बुधवार को एक रिपोर्ट में दोनों कंपनियों के बीच डील को लेकर बातचीत का किया गया था दावा

“टाटा ग्रुप और हल्दीराम: स्नैक्स का नया संगठन”
टाटा ग्रुप की ओर से और हल्दीराम की ओर से नई स्नैक्स कंपनी के बारे में खबरें सुर्खियों में हैं, लेकिन दोनों कंपनियों ने इस मामले को लेकर सफाई दी है। टाटा ग्रुप ने स्नैक्स मेकर हल्दीराम में 51% की हिस्सेदारी खरीदने के बारे में बातचीत की खबरों को खारिज किया है, जिससे स्पष्ट होता है कि इस समय कोई ऐसा सौदा नहीं हुआ है। ग्रुप की कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) और हल्दीराम के बीच तैयारी जारी है, लेकिन अभी तक कोई स्थिति स्थायी नहीं हुई है।

इसके बावजूद, इस मामले को लेकर बाजार में कई स्पेकुलेशन्स हो रही हैं। रिपोर्ट्स में हल्दीराम की वैल्यूएशन को करीब 10 अरब डॉलर के पास बताया गया है, लेकिन अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है। इसी बीच, हल्दीराम के स्नैक्स बिजनेस का मार्केट बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है और टाटा जैसी बड़ी कंपनियों के लिए यह एक बड़ा विचारिक मामला है।




टाटा ग्रुप का स्नैक्स सेगमेंट में प्रवेश करने की सोच है, जो हल्दीराम के साथ संभावित विचारित सौदे का हिस्सा है। हल्दीराम, जिसका मुख्यालय इंद्रप्रस्थ में है, एक प्रमुख स्नैक्स और नमकीन निर्माता है, जिसकी शुरुआत 1937 में हुई थी। आजकल हल्दीराम की उत्पादन क्षमता बहुत अधिक है और यह भारत में और अन्य देशों में अपने उत्पादों को बेचता है।

यह समय बताएगा कि टाटा ग्रुप और हल्दीराम के बीच कैसा सौदा होता है, लेकिन इस समय तो इसके बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। स्थिति को और गंभीर बनाने के लिए हो रही बातचीत को देखकर आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा कि यह सौदा किस दिशा में जाता है।

बुधवार को जारी रिपोर्ट का किया खंडन

“हल्दीराम और टाटा ग्रुप के बीच बिकने की खबरों का खंडन”

टाटा ग्रुप और हल्दीराम के बीच हो रही स्नैक्स कंपनी के संदर्भ में दोनों पक्षों ने खबरों का खंडन किया है। हल्दीराम, जिसकी प्रसिद्धि नमकीनों और स्नैक्स के लिए है, और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, जो की विभिन्न खाद्य सामग्री का निर्माण करते हैं, इन खबरों को तथ्याधारित नहीं मानते हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि टाटा ग्रुप हल्दीराम में 51% हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इस तरह की किसी बातचीत का आयोजन नहीं हुआ है।

इसके परिणामस्वरूप, इस मामले को लेकर बाजार में विवाद है और खबरें हल्दीराम की मूल्यांकन को लेकर हैं, जो करीब $10 बिलियन के आसपास बताई जाती हैं। टाटा ग्रुप का स्नैक्स सेगमेंट में प्रवेश करने का विचार भी सूचित है, जो हल्दीराम के साथ संभावित विचारित सौदे का हिस्सा हो सकता है। हल्दीराम जो भारत में और अन्य देशों में अपने उत्पादों का प्रसार करता है, वह एक प्रमुख नमकीन और स्नैक्स निर्माता है और उसकी उत्पादन क्षमता बहुत अधिक है।

इस विचार में, टाटा ग्रुप और हल्दीराम के बीच किस प्रकार की बातचीत हो रही है, यह तय होने में और समय लगेगा। जब इसका निर्णय होगा, तब हम देखेंगे कि इसके क्या परिणाम होते हैं।

85 साल से स्नैक्स कारोबार में हल्दीराम

“हल्दीराम: एक प्रमुख भारतीय नामकीन कंपनी की महत्वपूर्ण कहानी”

सन् 1937 में भारतीय खाद्य सेक्टर में एक छोटे से दुकान से शुरुआत हुई थी, जिसने बाद में हल्दीराम के नाम से प्रसिद्ध होने वाली कंपनी का नींव रखा। हल्दीराम की गणना भारत की सबसे प्रमुख नामकीन और स्नैक्स निर्माता कंपनियों में से एक में की जाती है, और यह खाद्य उत्पादन के क्षेत्र में अपने अद्वितीय प्रसार के लिए प्रसिद्ध है।




हल्दीराम की बनाई गई भुजियाँ, नमकीनें, और मिठाइयाँ भारत में और विदेशों में उपलब्ध होने के बावजूद, यह कंपनी अब एक नई मुद्रा में अपने भविष्य की ओर बढ़ रही है। बिना किसी तरह की स्थिति जानकारी के, टाटा कंस्यूमर प्रोडक्ट्स की चर्चा हल्दीराम के साथ हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप इस समय इस सौदे की जानकारी नहीं है। इस बदलाव की चर्चा से हल्दीराम की मूल्यांकन को बदल सकता है और यह एक नई कहानी की शुरुआत हो सकती है, जो भारतीय खाद्य सेक्टर के रूपरेखा में एक महत्वपूर्ण पैनल बना सकती है।

देश में 150 से ज्यादा रेस्तरां

“भारतीय नामकीन कंपनियों की आवश्यकता है नया स्ट्रैटेजी”

यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्नैक्स मार्केट का आकार करीब 6.2 अरब डॉलर है, और इस मार्केट में हल्दीराम की दबदबा रखने की 13 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, Pepsi भी इस मार्केट में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, और उसकी Lays चिप्स भी लगभग 12 फीसदी हिस्सेदारी रखती हैं।

यह आंकड़े स्पष्ट दिखाते हैं कि भारत में स्नैक्स का व्यापार बड़ा और बढ़ रहा है, और यह एक मुख्य खाद्य सेगमेंट है जो उत्पादकों और ब्रांड्स के लिए बड़ा और अच्छा अवसर है। इस प्रतिस्पर्धी माहौल में, भारतीय नामकीन कंपनियों को नई और अद्वितीय स्ट्रैटेजियों की आवश्यकता है ताकि वे इस बढ़ते हुए बाजार में मजबूती से प्रतिस्पर्ध कर सकें। ये कंपनियाँ नई प्रौद्योगिकी, पैकेजिंग, और उत्पादों के साथ आगाह रहनी चाहिए ताकि वे खाद्य उत्पादों के स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक सफलता प्राप्त कर सकें।

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