रिपोर्ट- मनमोहन सेजू
बाड़मेर.
जब भी वह किसी मंच से सुर छेड़ती है तो हर किसी की नजर उससे हटती ही नहीं है. कोई ऐसा नहीं जो बिना तालियां बजाए रह पाए और उसके तराने के खत्म होते ही लोग उसके बारे में बात जरूर करते है और इसकी वजह है उसके गले में सरस्वती का विराजित होना. हम बात कर रहे हैं मांगणियार समाज की कॉलेज में तालीम लेने वाली पहली बेटी पवनी की.

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पवनी बाड़मेर के एमबीसी पीजी गर्ल्स कॉलेज में पढ़ रही है. अब तक जब भी उसे मंच पर गाने का मौका मिला तो उसने तारीफे ही पाई है. उसने जितनी भी प्रतियोगिताओं में शिरकत की उनमें पहला मुकाम ही पाया है. पवनी के पिता गाजी खान को उनकी बेटी की मेहनत और काबिलियत पर फक्र है. वह बताते हैं  कि अपने गांव चेलक को बच्चों की शिक्षा के लिए ही छोड़ा और आज बेटी पूरे बाड़मेर-जैसलमेर जिले में इकलौती ऐसी बच्ची है जो इस मांगणियार समाज की होने के बाद भी कोलेजी तालीम ले रही है.

इनके समाज मे बच्चियों की शिक्षा ना के बराबर है. पवनी का कहना है कि उसके बाहरवी में 87 प्रतिशत बने थे और सेकेंड ईयर में 68 से ज्यादा प्रतिशत है. वह बताती है कि किसी भी शख्स की सफलता शिक्षा पर ही निर्भर करती है, ऐसे में हर किसी को शिक्षित होना जरूरी है.

पवनी का भाई समीर पिता के साथ गाने बजाने का काम करता है. वही इनके भाई मजीद, मंजूर, सरवर भी पढ़ते है. पवनी के सुरों की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है लेकिन उसका शिक्षा के लिए जज्बा समाज की हजांरो बेटियों को नई राहें दिखाने वाला है.

दरअसल बाड़मेर-जैसलमेर जिले में करीब 7-8 हजार परिवार मांगणियार समाज के है. मांगणियार समाज शादी समारोह में गाना बजाने का काम करते आए है.

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FIRST PUBLISHED : March 19, 2023, 16:50 IST



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