G20(2023) का पहला बार मेजबानी करने जा रहा है भारत, जानिए G20 क्या है, इसमें कौन-कौन से देश शामिल हैं और इसका काम क्या है?

G20 का पहला बार मेजबानी करने जा रहा है भारत, जानिए G20 क्या है, इसमें कौन-कौन से देश शामिल हैं और इसका काम क्या है? पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए पढ़ें –

G20(2023)

G-20 की 18वीं समिट इस साल 9 और 10 सितंबर को होने जा रही है, और इस बार भारत होस्ट देश का दर्जा प्राप्त करने जा रहा है। इसके लिए तैयारियों में काफी शोर-शराबा हो रहा है और दिल्ली में उपयुक्त व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। ग्लोबल अर्थव्यवस्था में करीब 80 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करने वाले G-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। चलिए, हम आपको बताते हैं कि G-20 क्या है, इसमें कौन-कौन से देश शामिल हैं और यह कैसे काम करता है।

G-20 क्या है?

G-20 को ‘ग्रुप ऑफ ट्वेंटी’ कहा जाता है, और इस समूह में 19 देश सदस्य हैं, जबकि इसका 20वां सदस्य यूरोपीय संघ होता है। G-20 समिट साल में एक बार होती है, हालांकि 2008 के बाद 2009 और 2010 में G-20 समिट का आयोजन दो बार किया गया था। इस सम्मेलन में समूह के सदस्य देशों के नेताओं को बुलाया जाता है, और कुछ अन्य देशों को भी शामिल किया जाता है। इसके बाद, सभी देशों के नेताओं की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इस साल, भारत ग-20 समिट की मेजबानी कर रहा है, और यह समिट दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रही है।

 

कौन-कौन से देश हैं G-20 के सदस्य?

G-20 को विश्व का सबसे बड़ा वैश्विक संगठन माना जाता है। इसके सदस्य देशों में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया, और 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल है। जी-20 की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, वैश्विक व्यापार में भी इस संगठन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है, और यह करीब दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।



कैसे बना यह संगठन?

G-20 का मूल रूप G-7 समूह से निकला। इस G-7 समूह में अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, जापान, और ब्रिटेन शामिल थे। फिर 1998 में इसमें रूस शामिल हो गया और 1999 में G-8 समूह की एक बैठक के दौरान एशिया की आर्थिक स्थितियों पर चर्चा की गई, जिसमें 20 बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों को समूह में शामिल करने की बात कही गई। इसके बाद, बर्लिन में 2007 में एक बैठक आयोजित हुआ, जिसमें G-20 की गठबंधन की चर्चा हुई, और उसके बाद से हर साल G-20 की बैठक होती आई है।

 

हर साल अलग-अलग देश करता है अध्यक्षता

G-20 की बैठक की अध्यक्षता हर साल अलग-अलग देश करता है। पिछले साल यह बैठक इंडोनेशिया में हुई थी, और उसके बाद इंडोनेशिया ने इस अध्यक्षता को भारत को सौंप दिया। इस साल, भारत इस समूह की मेजबानी कर रहा है, और अगले साल यह जिम्मा ब्राजील को सौंपा जाएगा, जबकि वहीं ब्राजील में अगली बैठक होगी।

 

G-20 का काम क्या है?

G-20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता के प्रश्नों पर चर्चा करना है, लेकिन इसके साथ ही व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, कृषि, और भ्रष्टाचार निरोधी एजेंडा भी इसमें शामिल है। इसमें दो प्रमुख चर्चा प्रक्रियाएँ होती हैं – पहला है फाइनेंशियल ट्रैक, जिसमें वित्त मंत्रीगण बातचीत करते हैं, और दूसरा है शेरपा ट्रैक, जिसमें सरकार द्वारा नामित शेरपा की बैठक होती है। क्योंकि यह संगठन विश्व की जीडीपी के 85 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है और व्यापार में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है, इसकी बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इनका काम सभी सदस्य देशों के साथ सामंजस्य बनाना और वार्ता करना होता है।

 

कई अन्य देशों और संगठनों को भी आमंत्रित किया जाता है

G-20 की बैठक में समूह के 20 सदस्य देशों के अलावा अन्य देश भी आमंत्रित किए जाते हैं। इस साल, भारत ने 9 देशों को आमंत्रित किया है, जिनमें बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, और यूएई शामिल हैं। इसके अलावा, यूनाइटेड नेशंस, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड, वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड हेल्थ ऑरगेनाइजेशन, और वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन जैसे संगठन भी G-20 में नियमित रूप से शामिल होते हैं।

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