रिपोर्ट- दुर्गेश सिंह राजपूत
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!नर्मदापुरम. पश्चिम-मध्य रेलवे के भोपाल-इटारसी मार्ग पर तीसरी लाइन का कार्य जोरों से चल रहा है. इसके पूरा होते ही करीब 160 रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ जाएगी. भारतीय रेलवे का यह एक महत्वपूर्ण और व्यस्त रेलखंड है, जो मध्य भारत में पड़ता है. यहां भारी मात्रा में यात्री और मालगाड़ियों के यातायात का दबाव रहता है. देश के उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम ट्रंक मार्गों के लिए भी ट्रेनों का आवागमन यहीं से होता है.
इस सेक्शन पर औसतन 48 मालगाड़ियों के साथ 110 से अधिक मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. खंड की क्षमता उपयोग 170% है. यातायात की उत्तर-दक्षिण धारा दिल्ली-झांसी-बीना-भोपाल-इटारसी- नागपुर से चलती है और बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से गुजरात की ओर जाने वाला पूर्व-पश्चिम यातायात इलाहाबाद, जबलपुर, इटारसी, भोपाल और नागदा से होकर जाता है.
ये होगा फायदा
पश्चिम मध्य रेल में बीना-भोपाल-इटारसी रेलखंड पर बीना से इटारसी तक 233 किमी तीसरी लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर इस रेलखंड के जीटी रूट पर कार्य पूर्ण करने वाला पश्चिम मध्य रेल पहला जोन बन जाएगा. बरखेड़ा-बुदनी के बीच नई तीसरी लाइन के निर्माण के लिए अधोसंरचना कार्य एक सुपर क्रिटिकल परियोजना है, भोपाल-इटारसी खंड में गति अवरोध को यह दूर करेगी. भोपाल मंडल के बरखेड़ा से बुदनी [घाट सेक्शन] के मध्य निर्माणाधीन 26.50 किलोमीटर रेल लाइन तिहरीकरण खंड का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
महत्वपूर्ण सेक्शन पर कार्य की स्थिति
भोपाल-इटारसी सेक्शन पर तीसरी लाइन के निर्माण कार्यों में से हबीबगंज- बरखेड़ा 41.42 km, जनवरी- 2021 में कमीशन किया गया. बुदनी- इटारसी 25 किमी. मार्च-2020 में कमीशन किया गया. यह दोनों खंड मैदानी क्षेत्र में आते हैं. बरखेड़ा-बुदनी 26.50 किमी रेल लाइन तिहरीकरण का कार्य भी पूर्णता की ओर है. इस खंड के सभी 13 प्रमुख पुल, सभी 49 लघु पुल व सभी 7 सुरंगें पूरी हो चुकी हैं. 4 सुरंगों में बलास्ट लेस ट्रैक (बीएलटी) का कार्य पूरा कर लिया गया है और 3 सुरंगों में कार्य प्रगति पर है. ट्रैक जोड़ने का काम चल रहा है और 11 किमी का काम पूरा हो गया है.
वन्य जीवन प्रभावित न हो, इसका भी रखा ख्याल
यहां का निर्माण कार्य बहुत ही गंभीरता पूर्वक किया जा रहा है, ताकि विकास के साथ ही वन्य जीवों को भी नुकसान ना पहुंचे. तीसरी लाइन को 25 टन लोडिंग मानकों और 85 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है. यहां रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी होने के कारण निर्माण में वाइल्ड लाइफ बोर्ड की सख्त शर्तों का पालन किया गया. यह क्षेत्र इको सेंसटिव जोन के अंतर्गत आता है. कंपोजिट गर्डर सहित 13 बड़े पुलों और विभिन्न आकार के 49 छोटे पुलों का निर्माण किया गया. रातापानी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र में 30 मीटर चौड़ा ओवरपास 1:12 की ढलान प्रदान करने वाले रैंप के साथ निर्माणाधीन है. ये ओवरपास जंगली जानवरों को रेलवे ट्रैक पार करने के लिए सुरक्षित पास मुहैया कराएंगे.
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FIRST PUBLISHED : March 16, 2023, 11:45 IST