ITR FILING मेडिक्लेम पॉलिसी का आयकर लाभ: जानें कौन-कौन से व्यक्ति उठा सकते हैं टैक्स बेनेफिट…
मेडिकल इंश्योरेंस एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा उपाय है जिससे लोग अपने स्वास्थ्य संबंधित आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, मेडिकल इंश्योरेंस का एक और महत्वपूर्ण लाभ है, जिससे आईटीआर यानी आयकर रिटर्न (ITR) भरते समय भी लाभ हो सकता है। मेडिकल इंश्योरेंस के तहत अगर कोई व्यक्ति अपने मेडिकल खर्चों को कवर करता है, तो वह अपने ITR में इस खर्च को शामिल करके टैक्स बेनेफिट प्राप्त कर सकता है। इससे उन्हें अपनी कर दायरा पुनर्निर्धारित करने में मदद मिलती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसलिए, मेडिकल इंश्योरेंस का सही रूप से उपयोग करना व्यक्तिगत वित्तीय योजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।
Income Tax Return:
मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी से टैक्स बेनेफिट प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे लोग अपनी आयकर दायरा को कम कर सकते हैं और अधिक बचत कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:
1. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अंतर्गत: मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी से टैक्स बचाने के लिए, इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत निर्धारित नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
2. मेडिकल पॉलिसी की विशेषताएँ: मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर टैक्स बेनेफिट पाने के लिए, पॉलिसी में शामिल किए गए मेडिकल खर्चों की सटीक जानकारी होनी चाहिए।
3. आयकर दायरा:आयकर दायरा के तहत मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम को कवर किया जा सकता है, और इसका आपके आयकर द्वारा छूट के रूप में लाभ मिल सकता है।
4. सेक्शन 80D: सेक्शन 80D के तहत, व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्यों के लिए वित्तीय वर्ष में जमा किए गए मेडिकल प्रीमियम के लिए टैक्स बचाने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इसमें स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम को शामिल किया जा सकता है, जिसमें व्यक्ति, उनके पति या पत्नी, और बच्चों की संख्या के आधार पर विभिन्न लाभ दरें होती हैं।
5. उम्र और स्वास्थ्य: मेडिकल पॉलिसी के तहत टैक्स बचाने के लिए आवश्यक शर्तें, जैसे कि आयु सीमा और स्वास्थ्य स्थिति, अलग-अलग होती हैं।
6. टैक्स छूट की विशेषता: इनकम टैक्स विभाग के द्वारा स्वीकृत की गई किसी भी मेडिकल पॉलिसी के लिए टैक्स छूट की विशेषताएँ जांचना महत्वपूर्ण होता है।
7. प्रीमियम का भुगतान: प्रीमियम के नियमित भुगतान से टैक्स बचाने का अवसर मिल सकता है, लेकिन प्रीमियम के लिए साबित प्रमाण की आवश्यकता हो सकती है।
8. अधिक जानकारी: टैक्स बचाने के लिए मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आपको अपने निवेश सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए।
मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी से टैक्स बचाने के लिए, व्यक्ति को ध्यानपूर्वक रूप से उनके निवेश सलाहकार से परामर्श लेना और आयकर विभाग की नवाचारों के साथ अपनी प्रॉपर्टी मैनेजमेंट करना चाहिए। इसके माध्यम से, व्यक्तिगत वित्तीय योजना को बेहतरीन रूप से प्राप्त किया जा सकता है और टैक्स बचाने के अवसरों का सही तरीके से उपयोग किया जा सकता है।
मेडिकल इंश्योरेंस
नए टैक्स व्यवस्था के अनुसार, धारा 80डी और धारा 80सी दोनों ही अधिनियमों के तहत टैक्स बचाने के अवसर उपलब्ध होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।
पहला महत्वपूर्ण अंतर है कि धारा 80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती उपलब्ध है, जबकि धारा 80सी केवल निवेशों के लिए है। इसका मतलब है कि आप अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर चुका सकते हैं और टैक्स कटौती का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके आयकर की दर से कटेगा।
दूसरा महत्वपूर्ण अंतर है कि धारा 80डी के तहत टैक्स बचाने के लिए कोई विशेष लक्ष्य नहीं है, जबकि धारा 80सी केवल निवेश की हद तक उपलब्ध होती है। इसका मतलब है कि आपको अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की मात्र प्रीमियम भुगतान करने की आवश्यकता है, और आपको टैक्स कटौती का लाभ प्राप्त होता है, चाहे आपकी आय कितनी भी हो।
तीसरा महत्वपूर्ण अंतर है कि धारा 80डी के तहत टैक्स बचाने के लिए कई विशेषताएँ होती हैं, जैसे कि प्रीमियम की यथासंभाव सटीक जानकारी और अन्य शर्तें, जो आयकर विभाग द्वारा स्वीकृत की जाती हैं। इसके बावजूद, यह एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे आप अपने मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी पर कटौती प्राप्त कर सकते हैं और अपने वित्तीय योजना को सुधार सकते हैं।
धारा 80डी के तहत टैक्स बचाने का यह अवसर मेडिकल इंश्योरेंस को और भी आकर्षक बनाता है, और यह व्यक्तिगत योजना की सुरक्षा और वित्तीय स्वास्थ्य के लिए एक सुरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण निवेश बना सकता है। इस लिए, यदि आपके पास इसकी संभावना है, तो आपको अपने निवेश सलाहकार से सलाह लेना और अपनी वित्तीय योजना को बेहतर बनाने के लिए इस अवसर का फायदा उठाना चाहिए।
पुरानी टैक्स व्यवस्था
पुरानी टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत, आयकर अधिनियम के अध्याय VI ए के तहत आप मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती का दावा कर सकते हैं, और इसमें कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं।
पुरानी टैक्स व्यवस्था के अनुसार, धारा 80C, 80CCC, और 80CCD के तहत कटौती की अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख है, जिसमें आपके निवेशों और बचत की रकम शामिल है। इसके अतिरिक्त, आप मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए भुगतान करने पर भी आयकर की कटौती का दावा कर सकते हैं, जिसकी अधिकतम सीमा ₹25,000 है। इस सीमा को ₹50,000 तक बढ़ा सकते हैं, यदि आप 60 वर्ष की आयु के बाद मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान कर रहे हैं।
धारा 80D के तहत, आप मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती का दावा कर सकते हैं, जब आप अपने खुद, अपने पति या पत्नी, आपके आश्रित बच्चों, और आपके माता-पिता के लिए प्रीमियम का भुगतान करते हैं। इसमें कोई विशेष उल्लेख नहीं है कि पॉलिसी स्वामी का कोई भी योगदान दर्ज किया जाता है, बस यह महत्वपूर्ण है कि आप प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं।
धारा 80D के अंतर्गत, आप अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं, जो आपको एक और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की कवरेज प्रदान करता है। इससे आप अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के साथ-साथ आयकर की कटौती का भी आवाहन कर सकते हैं।
इस तरह, पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती का दावा करके आप अपनी कर बचत कर सकते हैं और एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी केवल सामान्य सूचना के रूप में प्रदान की गई है और आपको अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए और आयकर नियमों के साथ आपकी विशेष स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसका अनुसरण करना चाहिए।
ये है सीमा
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती का दावा करने के लिए सीमाएँ और नियम निम्नलिखित हैं:
1. खुद, पति/पत्नी और आश्रित बच्चों के लिए: धारा 80D के तहत, आप खुद, अपने पति या पत्नी, और आपके आश्रित बच्चों के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर अधिकतम ₹25,000 की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए प्रीमियम का भुगतान करने पर ₹25,000 के अतिरिक्त बेनेफिट का दावा कर सकते हैं।
2. वरिष्ठ नागरिकों के लिए: वरिष्ठ नागरिकों के मामले में, धारा 80D की सीमा बढ़कर ₹50,000 हो जाती है। इसका मतलब है कि आप 60 वर्ष की आयु के बाद भी मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर ₹50,000 की कटौती का दावा कर सकते हैं।
3. माता-पिता के लिए: आप अपने माता-पिता के लिए मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भी ₹25,000 के अतिरिक्त बेनेफिट का दावा कर सकते हैं। यदि वे वरिष्ठ नागरिक हैं, तो सीमा बढ़कर ₹50,000 हो जाती है।
4. कटौती के लिए प्रीमियम भुगतान: धारा 80D के तहत, प्रीमियम का भुगतान गैर-नकद पद्धति से किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि आप अपने मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी की प्रीमियम को नकद नहीं चुका सकते हैं, बल्कि केवल चेक, डेबिट कार्ड, या नेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान करना होगा।
5. निवारक स्वास्थ्य देखभाल: धारा 80D के तहत, आप अपने परिवार के लिए निवारक स्वास्थ्य
देखभाल पर प्रति वर्ष ₹5,000 की टैक्स कटौती का भी दावा कर सकते हैं। यह टैक्स कटौती अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के लिए उपलब्ध निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर होती है।
आपको इस धारा 80D के तहत कटौती का दावा करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना और आयकर नियमों को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि सीमाएँ और नियम वर्ष-वर्ष बदल सकते हैं। इसके अलावा, आपकी विशेष स्थितियों के आधार पर टैक्स बेनेफिट की उपलब्धता भी बदल सकती है।