Adani-Hindenburg case update- अडानी-हिंडनबर्ग केस: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान! रिपोर्ट को नहीं मान सकते सच, जानिए क्‍यों!

Adani-Hindenburg case update- अडानी-हिंडनबर्ग केस: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान! रिपोर्ट को नहीं मान सकते सच, जानिए क्‍यों!….


हिंडनबर्ग और अडानी ग्रुप मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ‘हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को सत्य बयान के रूप में नहीं माना जा सकता,’ सेबी को जांच के लिए दिया आदेश।


Adani-Hindenburg case update- अडानी-हिंडनबर्ग केस: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान! रिपोर्ट को नहीं मान सकते सच, जानिए क्‍यों!,KALTAK NEWS.COM


 

सुप्रीम कोर्ट ने अडानी मामले पर फैसला सुरक्षित रखा: आज हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप के मामले की सुनवाई हुई। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में किए गए खुलासे को लेकर याचिकाकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्‍य बयान के तौर पर नहीं मान सकते हैं। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्‍यता परखने का कोई साधन नहीं है, जिस कारण उसने SEBI से इस मामले की जांच करने को कहा है। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।

एससी के बेंच ने कहा कि हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट को तथ्‍यात्‍मक तौर से सही मानने की आवश्‍यकता नहीं है। सेबी इसकी जांच कर रही है। वहीं दूसरी ओर याचिका दायर करने वालों का कहना है कि बाजार नियामक SEBI की गतिविधियां संदिग्‍ध हैं, क्‍योंकि उनके पास 2014 से ही पूरी डिटेल है। उनका दावा है कि खुफिया निदेशालय (DRI) ने 2014 में सेबी अध्यक्ष के साथ पूरी डिटेल शेयर किए थे।

सेबी की जांच पर संदेह के लिए साक्ष्‍य कहां? 

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता से सवाल करते हुए कहा कि सेबी (SEBI) की जांच पर संदेह करने वाले साक्ष्य कहां हैं? यह सवाल तब किया गया जब याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सेबी ने जांच पूरी कर ली है, लेकिन खुलासा नहीं किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जांच से पहले ही सेबी की जांच का आंकलन कैसे कर सकते हैं।

इसके पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी की जांच में सुधार करने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता हो सकती है और उन्हें सहायता के रूप में बुलाया जा सकता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सेबी को चार हफ्तों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा जिसमें उन्हें उन साक्षात्कारों और सबूतों की विस्तृत जानकारी देनी होगी जो उन्होंने अडानी ग्रुप के मामले में किए हैं।

यह फैसला आम नागरिकों के बीच अडानी-हिंडनबर्ग केस में बढ़ती हुई उत्सुकता को शांति देने का प्रयास करने के रूप में उत्कृष्ट है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सार्वजनिक न्याय तंत्र के विश्वास को मजबूती प्रदान करता है और सभी प्रतिभागियों को समान न्याय की सुनिश्चितता देता है।

सेबी ने कहा सिर्फ 10 दिन की देरी में जांच हुई पूरी 

सेबी के सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि एक अवमानना याचिका दायर की गई थी, जिसमें सेबी के सदस्यों के खिलाफ दावा किया गया है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इस याचिका की जांच को सिर्फ 10 दिनों की देरी में पूरा किया गया है।सोलिसिटर जनरल ने बताया कि जांच का आयोजन तेजी से किया गया और सभी आवश्यक अंशों को मधुर रूप से समीक्षित किया गया। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से यह अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि वे अब तैयार हैं अपनी जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि सेबी को इस रिपोर्ट में सभी विवादित मुद्दों का समाधान करना होगा और सुप्रीम कोर्ट को यह दिखाना होगा कि सेबी ने न्यायिक प्रक्रिया का पूरा पालन किया है।

इससे पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चर्चा के लिए आया जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें विभिन्न आरोप उठाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेकर सुनवाई करने का निर्णय लिया और न्यायिक प्रक्रिया की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए सेबी को जांच का कार्य सौंपा है।

कब आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 

जानिए कैसे 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म, हिंडनबर्ग, ने गौतम अडानी की सभी कंपनियों पर एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कई गंभीर आरोप उठाए गए थे। इस रिपोर्ट के आगमन के बाद, अडानी ग्रुप ने इसे पूरी तरह से झूठ बताया था। रिपोर्ट के प्रकट होने के बाद, अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में बड़ी तेजी से गिरावट आई थी, और इनकी संपत्ति में भी तगड़ा नुकसान हुआ था। इस घड़ी में मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है, और अब इस मुद्दे की सुनवाई जारी है।

सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचे हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप के बीच विवाद के मामले में, कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुरक्षित रखा है। हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी की कंपनियों के खिलाफ जारी की गई रिपोर्ट में कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जानकारी को सत्यापित करने का आदेश दिया है।

इसके परंतु, अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट के खिलाफ तत्काल विरोध दर्ज किया और इसे झूठा बताया। सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने इस मुद्दे पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है और सेबी को इस मामले की जांच करने का कार्य सौंपा है।

सॉलिसिटर जनरल के मुताबिक, सेबी ने इस मामले की जांच को तेजी से पूरा किया है और उन्होंने दावा किया है कि रिपोर्ट में उठाए गए सभी आरोपों की सटीकता को सत्यापित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से इस मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है और यह निर्णय सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि न्यायिक प्रक्रिया का पूरा पालन हो रहा है या नहीं।

Tata Technologies IPO buy or not-“धमाका! 20 साल बाद TATA का IPO लिस्ट हुआ, सब्‍सक्राइबर्स में हुआ 70 गुना इजाफा! जानिए इस ऐतिहासिक दिन की पूरी कहानी!”

tata technologies IPO buy or not-“धमाका! 20 साल बाद TATA का IPO लिस्ट हुआ, सब्‍सक्राइबर्स में हुआ 70 गुना इजाफा! जानिए इस ऐतिहासिक दिन की पूरी कहानी!”….


tata technologies का IPO 24 नवंबर 2023, शुक्रवार को करीब 70 गुना सब्‍सक्राइब होकर समाप्त हुआ। ग्रे मार्केट में टाटा टेक्‍नोलॉजीज के शेयरों की भारी मांग देखी जा रही है।


Tata Technologies IPO buy or not-"धमाका! 20 साल बाद TATA का IPO लिस्ट हुआ, सब्‍सक्राइबर्स में हुआ 70 गुना इजाफा! जानिए इस ऐतिहासिक दिन की पूरी कहानी!",KALTAK NEWS.COM


टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ करीब 70 गुना सब्‍सक्राइब होने के साथ समाप्त हो गया है। 22 नवंबर को टाटा ग्रुप ने अपना IPO खोला, जिसे 24 नवंबर तक निवेशकों ने भरपूर प्रतिसाद दिया। इन तीन दिनों में टाटा टेक्नोलॉजीज के IPO को 69.43 गुना सब्‍सक्राइब किया गया। एंकर इंवेस्टर्स को छोड़कर 2,200 के इश्‍यू के लिए 1.56 लाख करोड़ रुपये की बोली लगी थी। अब टाटा टेक आईपीओ के शेयरों का अलॉटमेंट 3 से 5 वर्किंग डे के दौरान होगा।

24 नवंबर 2023 को इस आईपीओ को सब्‍सक्राइब करने का आखिरी दिन था, और निवेशकों ने इसमें भरपूर पैसा लगाया है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि यह साल का सबसे बड़ा IPO है, जिसे करीब 70 गुना सब्‍सक्राइब किया गया है। पहले ही दिन टाटा टेक आईपीओ को 6.54 गुना सब्‍सक्राइब किया गया था।

इस आईपीओ के माध्यम से टाटा टेक्नोलॉजीज ने निवेशकों को एक नई उत्कृष्टता का अवसर दिया है। इसमें हुए भारी सब्सक्राइब के माध्यम से टाटा ग्रुप ने अपनी वित्तीय शक्ति को बढ़ाते हुए दिखाया है कि बाजार में उनमें विश्वास है और उनके परियोजनाओं को निवेशकों की मिली राहत से मिलेगा।

इस IPO के सफल होने से टाटा टेक्नोलॉजीज ने भारतीय बाजार में एक मजबूत स्थान बनाया है और निवेशकों के बीच में उम्मीद और विश्वास को बढ़ावा दिया है। इस IPO के जरिए, कंपनी ने अपने विभिन्न परियोजनाओं को और विकसित करने के लिए आवश्यक पूंजी जुटाने का उद्देश्य पूरा किया है।

टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO सफलतापूर्वक समाप्त होने के साथ, अब निवेशकों का ध्यान शेयर के अलॉटमेंट की ओर बढ़ा है, जिससे वे अपने निवेश का योग्य मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। इसमें हुए वृद्धि के बावजूद, शेयरों के बाजार में विस्तार से व्याप्त होने की उम्मीद है, जो निवेशकों के लिए एक बड़े समर्थन का कारण बन सकती है।

टाटा ग्रुप के आईपीओ में योग्य संस्थागत बोलीदाताओं (QIB) के लिए रिजर्व हिस्से को 203.41 गुना सब्सक्राइब किया गया, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्से को 62.11 गुना सब्सक्राइब किया गया था। रिटेल निवेशकों (रिटेल इन्वेस्टर्स) को टाटा टेक्‍नोलॉजीज (Tata Technologies) में 16.5 गुना सब्‍स‍क्रिप्‍शन मिला, जबकि टाटा मोटर्स (Tata Motors) के इंवेस्‍टरों के लिए रिजर्व हिस्‍से को 29.19 गुना से ज्‍यादा सब्‍सक्राइब किया गया।

ग्रे मार्केट में टाटा टेक्‍नोलॉजीज की भारी डिमांड 

ग्रे मार्केट में टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयरों की भारी मांग की रिपोर्ट के अनुसार, नॉन लिस्टेड मार्केट में इन शेयरों की चाह बढ़ रही है और ग्रे मार्केट प्रीमियम ने 403 रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि, ग्रे मार्केट सिर्फ एक संकेत है कि शेयरों की बाजार में कैसी चल सकती है। टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ (Tata Technologies IPO) का प्राइस बैंड 475-500 रुपये प्रति शेयर है।

इस ग्रे मार्केट प्रीमियम की बढ़ती मांग ने दिखाया है कि निवेशक टाटा टेक्नोलॉजीज के IPO में बड़ी रुचि रख रहे हैं। यह साफ तौर पर इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि बाजार में इस कंपनी के शेयरों के लिए एक मुच्छ से भी ज्यादा उत्सुकता है।

टाटा टेक्नोलॉजीज के IPO का प्राइस बैंड भी बाजार में बहुत चरणीय है, जिससे निवेशकों को विभिन्न बजटों में शामिल होने का अवसर मिल रहा है। इसके साथ ही, ग्रे मार्केट में उच्च प्रीमियम ने शेयरों की मौद्रिक मूल्यांकन में एक वृद्धि का पैदा किया है।

टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO समाप्त होने के बाद, शेयरों का वितरण होगा और निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि वे शेयरों को सस्ते में प्राप्त कर सकें। इसके बावजूद, ग्रे मार्केट का हालत बता रहा है कि इस IPO के शेयरों की मांग का अधिक होने की संभावना है, जो निवेशकों के बीच में एक ऊँचा उत्साह बना रख रहा है।

टाटा ग्रुप की ये कंपनियां भी बेच रहीं हिस्‍सेदारी 

टाटा ग्रुप की इन कंपनियों ने भी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ में, ओएफएस के तहत मूल कंपनी टाटा मोटर्स ने 4.62 करोड़ शेयर बेचने का निर्णय लिया है, जबकि अल्फा टीसी होल्डिंग्स ने 97.1 लाख शेयर और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड की ओर से 48 लाख शेयर बेचने का निर्णय किया है। इसके साथ ही, इश्यू के लिए 50% योग्य संस्थागत बोलीदाताओं के लिए अलग रखा गया है, जबकि खुदरा निवेशकों और गैर संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व कोटा क्रमशः 35% और 15% है।

यह हिस्सेदारी बिक्री का निर्णय टाटा ग्रुप की इन कंपनियों के लिए एक सटीक रणनीतिक चरण है। टाटा मोटर्स के शेयरों का बिक्री मूल कंपनी को आपूर्ति श्रृंगार में सुधार करने का एक मौका प्रदान कर सकता है, जबकि अल्फा टीसी होल्डिंग्स और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड ने अपने पोर्टफोलियो को विस्तारित करने का प्रतिबद्ध हैं।

इस निवेश से मिलने वाले धन का उपयोग टाटा ग्रुप के अन्य परियोजनाओं और विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है, जिससे समृद्धि में और बढ़ोतरी हो सकती है। इस समय बाजार में शेयरों के खरीदारी का माहौल बना हुआ है, जिससे इन कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने में आसानी हो सकती है।

टाटा टेक्नोलॉजीज के IPO में हो रहे हिस्सेदारी बिक्री के बावजूद, इसे बाजार में उच्च रुचि मिल रही है और निवेशकों की उम्मीद है कि इसमें भारी मूल्य वृद्धि होगी। इससे साफ है कि टाटा ग्रुप के इन कंपनियों का निवेशकों में विश्वास और रुचि बनाए रखने में भरपूर साफल्य हो सकती है।

कब होगी लिस्टिंग 

लिस्टिंग कब होगी? टाटा टेक्नोलॉजी आईपीओ के शेयरों का अलॉटमेंट गुरुवार, 30 नवंबर को हो सकता है। इसके बाद, बीएसई और एनएसई पर टाटा की यह कंपनी 5 दिसंबर 2023 को लिस्ट होगी। यह दिखाता है कि ग्रे मार्केट में टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ को लगभग 81% प्रीमियम मिलने की संकेत हैं।

CNG Price Hike Rs 1 From Delhi to Ghaziabad daily update-“पेट्रोल के बाद अब CNG ने भी लिया महंगाई का मौका!”

CNG Price Hike Rs 1 From Delhi to Ghaziabad daily update-“पेट्रोल के बाद अब CNG ने भी लिया महंगाई का मौका!”…


“CNG Price Increase Starting Today:CNG की नई कीमतें आज, अर्थात 23 नवंबर 2023 से लागू हो गई हैं। दिल्ली में यह 74.59 रुपये से बढ़कर 75.59 रुपये प्रति किलो हो गई है, जबकि गौतम बुद्धनगर के नोएडा में सीएनजी की कीमत 80.20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।”


CNG Price Hike Rs 1 From Delhi to Ghaziabad daily update-"पेट्रोल के बाद अब CNG ने भी लिया महंगाई का मौका!",KALTAK NEWS.COM

सीएनजी की कीमतों में 1 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा
गुरुवार को महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर एक बड़ा झटका लगा है। सुबह-सुबह ही दिल्ली और एनसीआर में सीएनजी की कीमतों में इजाफा (CNG Price Hike) कर दिया गया है। CNG के दाम 1 रुपये तक बढ़ाए गए हैं और इस बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में सीएनजी की कीमत 74.59 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 75.59 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। अन्य नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद समेत अन्य शहरों में भी कीमतें में इसी दर से बढ़ाई गई हैं।

यह नई कीमतें तेजी से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को महंगाई की मार से जूझने को मजबूर कर रही हैं। इस इजाफे के बाद, सीएनजी का उपयोग करने वालों को रोजगार में इजाफा होने वाला है, और यह आम आदमी के बजट पर भी बोझ डालेगा। जहां एक ओर सीएनजी का इस तरह का इजाफा आम लोगों को छूट नहीं देगा, वहीं यह भी एक बड़ी साइड इम्पैक्ट बनाएगा। क्योंकि इससे वाहनों के चलने का खर्च बढ़ेगा और इससे बढ़ी महंगाई के चलते लोगों को बड़ी परेशानी हो सकती है। इस तरह की महंगाई की मार से जूझते हुए, लोग और भी सावधानी बरतने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसका बुरा असर आम जनता के रोजगार और बजट पर हो रहा है, जिससे जीवन और खर्च का संतुलन बिगड़ सकता है।

बढ़ी हुई कीमतें आज से लागू

बढ़ी हुई कीमतें आज से लागू हो गई हैं। CNG की नई कीमतें आज यानी 23 नवंबर 2023 से लागू हो गई हैं. दिल्ली के अलावा गौतम बुद्धनगर के नोएडा में सीएनजी की कीमत 80.20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. वहीं ग्रेटर नोएडा में ये 79.20 रुपये से बढ़कर 80.20 रुपये में मिलेगी. बात करें दिल्ली से सटे गाजियाबाद की तो यहां भी इसकी कीमत 79.20 रुपये प्रति किलो की जगह अब 80.20 रुपये हो गई है और यही रेट हापुड़ में भी होंगे. रेवाड़ी में CNG Price अब तक 82.20 रुपये प्रति किलोग्राम थे, जो बढ़कर 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं।

IGL ने शेयर की जानकारी

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में सीएनजी के दामों में किए गए बदलाव के संबंध में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड यानी आईजीएल (IGL) की ओर से गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी शेयर की गई है. इसमें कंपनी की ओर से कहा गया है कि 23 नवंबर 2023 सुबह 6 बजे से सीएनजी की कीमतें लागू कर दी गई हैं।

नोटिफिकेशन के मुताबिक, इस नए दौर में दिल्ली में सीएनजी की कीमतें मेट्रोपॉलिटन सिटी मीट्रो रीजन में 75.59 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 76.59 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं. इसके अलावा, गौतम बुद्धनगर के नोएडा में सीएनजी की कीमत 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 82.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. ग्रेटर नोएडा में सीएनजी 80.20 रुपये से बढ़कर 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. दिल्ली के समीपी शहर गाजियाबाद में भी इस दौरान सीएनजी की कीमतें 80.20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं।

इस ताजगी के दौर में, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने बढ़ी हुई बचत को सभी वाहन चालकों के साथ साझा किया है. कंपनी ने यह भी बताया कि यह कदम वृद्धि कीमतों के बढ़ते दबाव के चलते उच्च अद्यतन केन्द्रीय सीएनजी बैलेंस मॉडल (CNG Price Balancing Model) के तहत लिया गया है, जो उपयोगकर्ताओं को स्थानीय बाजारों में उचित मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से है।

इसमें दिल्ली में CNG की कीमतों को बढ़ाने का कारण विभिन्न घटकों में बढ़ती अवधारित लागतें शामिल हैं. कंपनी ने बताया कि यह कदम केवल बचत को सुनिश्चित करने का ही हिस्सा है और इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को स्थानीय बाजार मूल्यों में सुनिश्चितता प्रदान करना है। इस बढ़ती हुई कीमतों के बावजूद, CNG एक अद्वितीय और प्रदूषणमुक्त उत्पाद के रूप में लोगों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है, जिसमें लोगों को साफ और सस्ते इंजन के साथ चलने का अवसर मिलता है।

अगस्त में भी बढ़ाए गए थे दाम

इस नए दौर में, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने सीएनजी की कीमतें मेट्रोपॉलिटन सिटी मीट्रो रीजन में बढ़ाते हुए 23 अगस्त 2023 से दिल्ली में सीएनजी की कीमतें 1 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ाई गई थीं। यह एक बार फिर से इस समय के लिए सत्य हो गया है जब राजधानी दिल्ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, रेवाड़ी और हापुड़ में भी सीएनसी के दाम में बढ़ोत्तरी हुई है।

इस विस्तार से, जब से नए दिसंबर का महीना आरंभ हुआ है, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने एक बार फिर से सीएनजी की कीमतों में बढ़ोत्तरी का सिग्नल दिया है। 1 दिसंबर 2023 से सुबह 6 बजे से, दिल्ली और एनसीआर में सीएनजी की कीमतें बढ़ाकर अब 76.59 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। इस नई दर से पहले दिल्ली में सीएनजी की कीमत 75.59 रुपये प्रति किलोग्राम थी। गौतम बुद्धनगर के नोएडा में सीएनजी की कीमत अब 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जो कीमत 80.20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर है। इसी तरह, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, रेवाड़ी, और हापुड़ में भी सीएनजी की कीमतों में इजाफा हो गया है।

कब कम हुई थीं CNG की कीमतें 

“सीएनजी की कीमतों में कब हुई थी कमी?”
2023 में सीएनजी की कीमतों में यह सतत बढ़ोतरी दर्ज की गई है, हालांकि, इसके बावजूद, जुलाई में आईजीएल ने इसकी कीमतों में कमी की थी। वास्तव में, केंद्र सरकार ने जुलाई में सीएनजी की कीमत (CNG Price) तय करने के मानकों में परिवर्तन किया था। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली सहित कई राज्यों में सीएनजी की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। यह ध्याननक बात है कि सीएनजी का उपयोग वाहनों के लिए एक प्रमुख ईंधन के रूप में होता है।

क्या है CNG की नई कीमतें?”
23 नवंबर 2023 से, सुबह 6 बजे, सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। इस नए बदलाव के बाद, दिल्ली में CNG की कीमत 74.59 रुपये से बढ़कर 75.59 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। गौतम बुद्धनगर के नोएडा में, नई कीमत 80.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जिससे 81.20 रुपये हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा में भी, कीमतें 79.20 रुपये से बढ़कर 80.20 रुपये प्रति किलोग्राम में मिलेगी। दिल्ली के समीप स्थित गाजियाबाद में भी, नई कीमत 79.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जिससे 80.20 रुपये हो गए हैं, और हापुड़ में CNG कीमत अब 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम है।

“राजौरी के शहीदों के दिलचस्प किस्से – जानिए उनकी वीरता के पीछे की कहानियां”-rajouri encounter today in hindi 5 Army personnel martyred in jammu kashmir 2 terrorist killed

“राजौरी के शहीदों के दिलचस्प किस्से – जानिए उनकी वीरता के पीछे की कहानियां”-rajouri encounter today in hindi 5 Army personnel martyred in jammu kashmir 2 terrorist killed….


"राजौरी के शहीदों के दिलचस्प किस्से - जानिए उनकी वीरता के पीछे की कहानियां"-rajouri encounter today in hindi 5 Army personnel martyred in jammu kashmir 2 terrorist killed,KALTAK NEWS.COM


राजौरी में शहीद हुए 5 जवान
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 5 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा के लिए अद्वितीय साहस दिखाया। राजौरी में हुई आतंकी हमले के दौरान ये शूरवीर अपने क्षेत्र में आतंकियों के साथ भारत की गड़बड़ी में उतरे। इस मुठभेड़ में, जो मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों के साथ हुई, उनमें दो कैप्टन भी शामिल थे।

दरमसाल के बाजीमल इलाके में 36 घंटे तक चली इस मुठभेड़ के बाद, सुरक्षाबलों ने आतंकियों को कड़ी से कड़ी कार्रवाई का सामना किया। इस मुकाबले में शीर्ष आतंकी नेता भी ढेर हो गए, जिनमें पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल थे, जिन्होंने अफगानिस्तान में ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद, उन्होंने भारत में घुसपैठ करते हुए दहशत फैलाने का प्रयास किया था।

आतंकियों के साथ हुई फायरिंग बुधवार को शुरू हुई थी, लेकिन रात के समय इलाके को चारों दिशाओं से घेरकर बंद कर दिया गया था। गुरुवार की सुबह फिर से आतंकी हमले का सामना करना पड़ा, जिसमें दो आतंकी मारे गए। इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकी कमांडर की पहचान के रूप में शीर्षक दिया जा रहा है।

कौन था कारी?

कारी एक पाकिस्तानी नागरिक और एक हार्डकोर आतंकी था। उसने अपनी ट्रेनिंग पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्राप्त की थी। वह एक लश्कर का हाईरैंक आतंकी था और पिछले एक साल से अपने साथियों के साथ राजौरी-पुंछ क्षेत्र में सक्रिय था। उसने डांगरी और कांडी में होने वाले आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड बनाया था। पाकिस्तान ने कारी को घाटी में आतंकवाद को पुनः उत्थान करने के लिए भेजा था। कारी एक IED एक्सपर्ट था और वह ट्रेन्ड स्नाइपर भी था। वह घने जंगल में छिपा रहता था और साजिश के तहत हमलों की योजना बनाता था।

कारी का आतंकी गतिविधियों में एक ईडी एक्सपर्ट के रूप में उच्च प्रशिक्षण और अनुभव था। उसका मुख्य लक्ष्य इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का उपयोग करके हमले करना था। कारी घाटी में अपनी दुर्दान्त योजनाओं के लिए प्रसिद्ध था और उसने डांगरी और कांडी में होने वाले हमलों को मास्टरमाइंड किया।

इसके अलावा, कारी एक सटीक और दक्ष स्नाइपर भी था, जो घने जंगल में अपनी छवियों में छिपा रहता था। उसने सुरक्षित स्थानों से आतंकवादियों को लकड़ी की निशानी से मारने का कौशल दिखाया।

पाकिस्तान द्वारा भेजा गया, कारी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए घाटी में कई उनूतन प्रोजेक्ट्स का संचालन किया। उसका लक्ष्य स्थानीय युवाओं में उत्साह और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए था।

कारी की दुर्गम चिकित्सा योजनाएं और उसकी टेक्निकल जानकारी ने उसे बहुत खतरनाक बना दिया था और इससे उसके खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षाबलों को और भी सतर्क रहने की आवश्यकता थी।

5 जवान हुए शहीद

5 जवानों ने मुठभेड़ में अपने प्राणों की बाजी लगाई बुधवार को हुई मुठभेड़ के दौरान चार आर्मी जवानों ने अपनी शहादत का सामना किया, जिनमें दो कैप्टन भी शामिल थे। एक मेजर और एक जवान जख्मी हो गए थे, जिनका इलाज अब भी आर्मी कमांड हॉस्पिटल उधमपुर में जारी है। इस ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों में कैप्टन एमवी प्रांजल (मैंगलोर, कर्नाटक), कैप्टन शुभम गुप्ता (आगरा, यूपी), हवलदार अब्दुल माजिद (पुंछ, जम्मू कश्मीर), लांस नायक संजय बिस्ट (उत्तराखंड) और पैराट्रूपर सचिन लौर (अलीगढ़, यूपी) शामिल हैं।

सेना की व्हाइट नाइट कोर ने ट्वीट करते हुए बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर रविवार को राजौरी के गुलाबगढ़ जंगल के कालाकोट इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। 22 नवंबर को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग हुई, जिसमें आतंकी घायल हो गए थे, जिन्हें सुरक्षाबलों ने घेरा रखा था। ऑपरेशन के दौरान इन जवानों ने सेना की परंपराओं का ध्यान रखते हुए महिलाओं और बच्चों को बचाने की कोशिश की, जिसमें उन्होंने बलिदान दे दिया। वे एक जवान के रूप में अपने देश के सेवा में समर्पित थे और उन्होंने राजौरी के अर्थल इलाके में हुई मुठभेड़ में शहीद होने का साहस दिखाया. कैप्टन प्रांजल का यह बड़ा पराक्रम देशवासियों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ गया है।

कैप्टन एमवी प्रांजल

राजौरी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों में कैप्टन एमवी प्रांजल भी शामिल हैं. कैप्टन प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले सेना के अफसर कैप्टन प्रांजल सिर्फ 28 के थे. वे Manglore Refinery के पूर्व MD वेंकटेस के इकलौते बेटे थे. प्रांजल की शादी दो साल पहले बेंगलुरु की अदिति से हुई थी. शादी से कुछ समय पहले ही उनकी तैनाती कश्मीर में हुई थी। वे एक जवान के रूप में अपने देश के सेवा में समर्पित थे और उन्होंने राजौरी के अर्थल इलाके में हुई मुठभेड़ में शहीद होने का साहस दिखाया. कैप्टन प्रांजल का यह बड़ा पराक्रम देशवासियों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ गया है।

इन वीर जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करते हुए वीरगति को प्राप्त किया है. इनकी बहादुरी और उनका समर्पण देशवासियों के लिए हमेशा एक प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। सम्पूर्ण देश इन वीर जवानों के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता है और उनके परिवारों के साथीयों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है. इनकी शौर्य गाथाएं हमें सिखाती हैं कि देश की रक्षा में सर्वोच्च पराक्रम और समर्पण ही सच्ची राष्ट्रभक्ति का मार्ग है।

कैप्टन शुभम गुप्ता

कैप्टन शुभम गुप्ता ने आगरा को गौरवान्वित किया है और राजौरी एनकाउंटर में अपनी बहादुरी और पराक्रम से वीरता का परिचय दिया. उनके पिता बसंत गुप्ता ने आगरा में डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट काउंसलर के रूप में सेवा की है और इनके शहीद होने से पूरे परिवार को अच्छूती और गहरा दुःख हुआ है. शुभम की शादी की तैयारियों में थी, और इस दुखद घड़ी में परिवार को एक भारी क्षति हुई है. उनकी मां बेसुध का दुखभरा मन है, और पिता बसंत गुप्ता ने गहरे शोक का सामना कर रहे हैं. यह अपूर्णीय क्षति एक और शहीद की श्रद्धांजलि है, जो अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

हवलदार अब्दुल माजिद

इस ऑपरेशन में जम्मू कश्मीर के अब्दुल माजिद ने अपने प्राणों की आहुति दी है. माजिद एक पैरा कमांडो थे और उनका परिवार एलओसी पर जीरो-लाइन और सीमा बाड़ के बीच स्थित अजोट गांव में रहता है. उनकी शहादत के बाद, परिवार में गहरा शोक है, और माजिद की पत्नी और तीन बच्चे अब अपने पिता के बिना रह गए हैं. इस कठिन समय में, परिजनों को उनके बहादुरी और सेना के प्रति उनके प्रतिबद्धता पर गर्व है, जोने अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी।

लांस नायक संजय बिष्ट

उत्तराखंड के संजय बिष्ट ने आतंकियों के साथ जड़ा मुठभेड़ में अपने शौर्य और साहस का परिचय दिया और अपनी शहादत दी. वे 19 कुमाऊं पैरा में सेवानिवृत्त हुए थे और इनकी शादी अब तक नहीं हुई थी. संजय ने सेना में 2012 में भर्ती होकर अपने जज्बे और समर्पण से सेना की सेवा की. उनकी शहादत से उनके परिवार में अद्भुत दुःख का माहौल है, और उनके परिजन इस दुःखद घड़ी में रो-रोकर अपनी असहायता और श्रद्धांजलि जता रहे हैं।

पैरा ट्रूपर सचिन लौर

इस मुठभेड़ में अलीगढ़ के जवान सचिन ने अपने जज्बे और वीरता का परिचय दिया. सचिन की शादी कुछ दिनों पहले ही हुई थी, और इस कठिन समय में उनके परिवार में अब शोक का माहौल है. सचिन के पिता एक किसान हैं और उनके अलावा उनके परिवार में बड़े भाई और माता-पिता भी हैं. उनकी शहादत ने गांव को एक दुखद और गर्वपूर्ण क्षण में डाल दिया, जहां उनके साहस और बलिदान की कथा अब गाती जा रही है।

इस मुठभेड़ में जान बाजी में शहीद हुए जवानों का सबसे छोटा सदस्य, पैरा ट्रूपर सचिन लौर थे। सचिन का समर्पण देश के सेना के प्रति था और उन्होंने अपनी नई शुरुआत की दास्तान लिखने का आदर्श था। उन्होंने हाल ही में शादी की थी और उनके जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो रहा था, लेकिन देश के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी देने का संकल्प उनका अद्वितीय था। उनके शहीद होने से उनके परिवार में अद्वितीय क्षति हुई है। सचिन के शहीद होने से पहले ही उनके गाँव में शोक की लहर छाई हुई थी, क्योंकि वह गाँव का एक उज्ज्वल सितारा थे।

उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि सचिन ने हमेशा देश की सेवा के लिए जीवन बनाया था। उन्होंने सेना में शामिल होने का निर्णय लिया और वह एक सशक्त, निष्ठावान और उत्साही जवान बन गए। उनके साथी सैनिक उनके वीरता और समर्पण की सराहना करते हैं और उन्हें एक अद्वितीय योद्धा के रूप में याद करेंगे।

इस दुखद समय में सचिन के परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। उनकी शहादत ने पूरे देश को गहरे शोक में डाल दिया है, और हम सभी उनके साहस और बलिदान को नमन करते हैं।

राजौरी-पुंछ क्षेत्र में आतंकी हमलों की घटनाएं जारी हैं

इससे पहले 20 अप्रैल और 5 मई को पुंछ के मेंढर इलाके और राजौरी के कांडी जंगल में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमलों में 10 जवान शहीद हो गए थे. अधिकारियों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ और पास के रियासी जिले में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 46 लोग मारे गए हैं।

सुरक्षा बलों के साथ तनावमय माहौल में जारी है, और राजौरी-पुंछ क्षेत्र में आतंकी हमलों की घटनाएं एक चिंगारी बनी हुई हैं। इस सत्र में, 20 अप्रैल को और फिर 5 मई को, पुंछ के मेंढर इलाके और राजौरी के कांडी जंगल में आतंकियों द्वारा की गई जघन्य हमलों में 10 जवानों ने अपने प्राणों को खो दिया।

इस सत्र में ही, सीमावर्ती जिलों में जिनमें राजौरी और पुंछ शामिल हैं, और पास के रियासी जिले में, आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में अब तक 46 लोगों की मौके पर मौत हो गई है। सुरक्षा बलों ने सीमा पर स्थिति को कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार रखा है और नागरिकों की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस माहौल में, सत्ताधारी ताकतें सक्रिय रूप से आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक एकजुटता को बढ़ावा दे रही हैं ताकि क्षेत्र को सुरक्षित बनाए रखा जा सके।

“सुरंग में फंसे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का अद्भूत समाधान, जानिए यहाँ!”-Experts suggest that survivors of the Silkyara Tunnel may encounter psychological challenges and could benefit from psychotherapy

“सुरंग में फंसे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का अद्भूत समाधान, जानिए यहाँ!”-Experts suggest that survivors of the Silkyara Tunnel may encounter psychological challenges and could benefit from psychotherapy….


"सुरंग में फंसे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का अद्भूत समाधान, जानिए यहाँ!"-Experts suggest that survivors of the Silkyara Tunnel may encounter psychological challenges and could benefit from psychotherapy,KALTAK NEWS.COM


11 नवंबर की रात उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद 41 मजदूर फंस गए थे। बचाव दल तेजी से सिल्क्यारा टनल पहुंच गया है और अब अच्छी खबरें सुनने की उम्मीद हैं। कुछ मजदूरों को बुखार और बदहजमी हो गई है, लेकिन उन्हें तत्परता से इलाज दिया जा रहा है। स्वस्थ रहने वाले इंसान को अधिकतम 12 दिन तक अंधेरे में रहकर न केवल शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि उसे अनेक मानसिक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। उसे लाइफ लाइन और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से इस मुश्किल समय में सहारा मिल रहा है।

इन मजदूरों ने इस अजीब और खतरनाक स्थिति में बहादुरी दिखाई है। अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर वे अब सुरक्षित हैं, लेकिन उनके दिल और मन में गहरे असर बचे हैं।

इस अद्भूत बचाव कार्य में सामिल होने वाले सभी स्वयंसेवकों ने इन मजदूरों को मानवता के सच्चे हीरो बना दिया है। उनकी साहस भरी कहानी आज हर किसी के दिल को छू रही है।

इस घड़ी में, हम सभी इन मजदूरों के साथ हैं और उनके लिए प्रार्थना करते हैं कि वे जल्दी से पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएं और उनकी जिंदगी में नई ऊर्जा भर जाए।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घड़ी में, समृद्धि और स्वस्थता की कामना के साथ, हम सभी मिलकर इन मजदूरों के परिवारों के साथ हैं। आशा है कि वे जल्दी से सामाजिक और मानसिक रूप से पुनर्निर्मित हों और अपनी जीवन यात्रा को नई शुरुआत मिले।

इस दर्दनाक घड़ी से बाहर निकलने के बाद, आने वाले एक महीने में 41 मजदूरों को कैसे गुजारना होगा? पहले कुछ दिनों में, उन्हें अनेक समस्याएं और चिंताएं आ सकती हैं, क्योंकि टनल के अंदर की अनिश्चितता सबसे ज्यादा असहज बनाती है।

इन 41 मजदूरों के साथ, ऑडियो-विजुअल माध्यमों के माध्यम से संपर्क स्थापित होने के बाद, सपोर्टिव काउंसलिंग बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे व्यक्ति या समूह, मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए बाहरी मदद आवश्यक है, ताकि उनका मनोबल और उत्साह बना रहे।

मोटीवेशन और विलपावर ही मजदूरों को सर्वाइवल पावर देगा

सभी मजदूर परिपक्व हैं और एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं। सभी एक ही हालात और परिस्थितियों के तहत काम कर रहे हैं, इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि सभी का मिलन-जुलन बहुत अच्छा होगा। मनोबल और उत्साह को बनाए रखने के लिए, मानसा ग्लोबल फाउंडेशन फॉर मेडिकल हेल्प की संस्थापिका एवं क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट श्वेता शर्मा ने बताया कि मोटीवेशन और विलपावर मजदूरों को सर्वाइवल क्षमता प्रदान करेंगे। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वह उम्मीद में रहें और हम जो समर्थन दे रहे हैं, उसमें पूरी तरह से विश्वास रखें। यह उनके विलपावर को बढ़ाने में सहायक होगा।

उनकी आत्मा में जोश बनाए रखने के लिए हमें इन मजदूरों को सामरिक समर्थन प्रदान करना होगा। शर्मा ने बताया कि सामाजिक और पेशेवर समर्थन से, इन मजदूरों को नए उत्साह और आत्मविश्वास की सांगत मिल सकती है।

मेडिकल हेल्प की फाउंडेशन के योजना के तहत, इन मजदूरों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि इन वीर मजदूरों को केवल शारीरिक स्वास्थ्य की ही जरूरत नहीं होती, बल्कि उनका मानसिक स्वास्थ्य भी हमेशा मजबूत रहे।

इस कठिन समय में, हमें इन मजदूरों के साथी बनकर, उन्हें सहारा देकर, और उनकी मानवीयता को समझते हुए, सामूहिक समर्थन प्रदान करना होगा। इस संघर्ष में, हम सभी मिलकर उन्हें नई शुरुआत के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जिससे उनका आने वाला जीवन पुनर्निर्मित हो सके।

मनोचिकित्सक मजदूरों के सामने 4 तरीके की समस्या देख रहे

मानोबिग्नानिक विशेषज्ञ देख रहे हैं कि टनल में फंसे मजदूरों के सामने 4 प्रकार की मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। पहली समस्या है डिप्रेशन – जीवन को इतने लंबे समय तक उस स्थान पर बिताना, जहां आशा की कमी हो सकती है, इससे एक अवसादपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दूसरा अन्याय – उनके मन में शायद यह बात चल रही हो कि क्या वे सुरंग से सुरक्षित बाहर निकल पाएंगे या नहीं, जिससे लंबे समय तक उनमें अवसाद की भावना बनी रह सकती है। तीसरी समस्या है पैनिक अटैक – अगर उनका तनाव बहुत बढ़ जाता है, तो शारीरिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है, जिसे हम पैनिक अटैक डिसऑर्डर कहते हैं। और चौथी समस्या है पीटीएसडी, जिसे पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर कहा जाता है – यह लंबे समय तक अवसाद के रूप में दिमाग पर प्रभाव डाल सकता है।

सुरंग से बाहर आने के बाद मजदूर PTSD का सामना सकते हैं

सुरंग से बाहर आने के बाद, मजदूरों को पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) का सामना करना पड़ सकता है। इसका सही होने में समय लगेगा। एंग्जायटी भी फैल सकती है, क्योंकि कई मजदूर पैनिक में हैं, जिससे पैनिक अटैक का कारण बन सकता है। श्वेता शर्मा ने बताया है कि इस स्थिति में प्राथमिक उपचार के बाद काउंसिलिंग और कुछ केसों में दवाओं की भी आवश्यकता हो सकती है। साइकेट्रिस्ट और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की मौजूदगी में सभी प्रकार की साइकोथेरेपी की आवश्यकता हो सकती है, जो तीन से लेकर 6 महीने तक चल सकती है। इस पर सरकार को ध्यान देना जरूरी है, ताकि मजदूर ट्रामा से बाहर आ सकें।

वरिष्ठ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. निमेष देसाई ने बताया है कि मजदूरों को सुरंग से बाहर आने के बाद उनकी ट्रामा काउंसिलिंग या डीप ब्रीफिंग बहुत जरूरी है। उन्हें अपने अनुभव साझा करने का मौका देना जरूरी है, जिससे लंबे समय तक के कॉम्प्लिकेशन्स को कम किया जा सकता है। निमेष ने पीटीएसडी के इलाज को वैज्ञानिक रूप से संभव बताया है। वास्तव में, गुजरात में भूकंप के बाद की रिसर्च में यह पता चला है कि भारत में अगर किसी व्यक्ति में पीटीएसडी के लक्षण आते हैं, तो वह आसानी से रिकवर हो जाता है। अमेरिका में वियतनाम, कोरिया और गल्फ वॉर के दौरान हुए रिसर्च में भी ऐसे मामले देखे गए हैं।

फैमिली से मिलने के बाद मजदूरों को उबरने में मदद मिलेगी

परिवार से मिलने के बाद, मजदूरों को अपने आत्मअनुभवों को व्यक्त करने में मदद मिल सकती है। आईसीएमआर ने गुजरात सरकार के साथ मिलकर 2001 के भूकंप पर एक स्टडी की। इस अनुसंधान के अंतर्गत, 35000 से अधिक लोगों पर शॉर्ट या लॉन्ग टर्म में पीटीएसडी की रिसर्च हुई। डॉ. निमेष का कहना है कि किसी में भी लॉन्ग या शॉर्ट टर्म मेमरी देखी नहीं गई। उनका तर्क है कि भारत में सांस्कृतिक विविधता है, इसलिए डीप काउंसलिंग और डीप ब्रीफिंग पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। मजदूरों को अपने अनुभवों को साझा करने के लिए उन्हें ढांढस बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि वे सुरंग से बाहर निकलने के बाद अपनी मानसिक स्थिति को सहारा देने में सक्षम हों। इसे ‘वेंटिलेशन’ कहा जाता है। फैमिली से मिलने के बाद, यह मदद कर सकता है कि वे इन चीजों से उबरें।

इस प्रकार की चर्चा करते हुए, हम देख सकते हैं कि मजदूरों के लिए उबरना और सुरंग से बाहर निकलने के बाद उनकी मानसिक स्थिति में सुधार के लिए परिवार बहुत महत्वपूर्ण है। इस चरण में, डॉ. निमेष द्वारा उचित प्राथमिक उपचार और मानसिक समर्थन का प्रदान करने के लिए एक प्रणाली की आवश्यकता है। जब मजदूर अपने परिवार से मिलते हैं, तो इसमें एक ताजगी और समर्थन की ऊर्जा मिलती है, जिससे उन्हें अपने अनुभवों को साझा करने में और उनकी भावनाओं को समझने में सहारा मिलता है।

इस चरण में, शॉर्ट और लॉन्ग टर्म मेमरी में कमी नहीं होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मजदूरों को उबरने में मदद करने के लिए विशेषज्ञ द्वारा विकसित की जा रही रूपरेखा शामिल होनी चाहिए। इस रूपरेखा के माध्यम से, मजदूरों को व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर समर्थन प्रदान किया जा सकता है, जिससे उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है और वे समाज में पुनः सम्मिलित हो सकते हैं।

फैमिली से मिलने के बाद, मजदूरों को अपने अनुभवों और भावनाओं को साझा करने का समर्थन मिलता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति में सुधार होता है। इस तरह का परिवार समर्थन उन्हें सहारा देता है और उन्हें सामाजिक समर्थन के माध्यम से समाज में पुनर्मिलन का मौका देता है।

IPL 2024:” गौतम गंभीर का धमाकेदार वापसी! क्या यह KKR को ले आएगा नई ऊंचाइयों की और तीसरी ट्रॉफी का सफर शुरू होगा?”

IPL 2024: गौतम गंभीर का धमाकेदार वापसी! क्या यह KKR को ले आएगा नई ऊंचाइयों की और तीसरी ट्रॉफी का सफर शुरू होगा?….


Gautam Gambhir: आईपीएल में पिछले दो सालों से लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर रहे गौतम गंभीर, अब केकेआर में वापसी की ओर बढ़ रहे हैं।


IPL 2024: गौतम गंभीर का धमाकेदार वापसी! क्या यह KKR को ले आएगा नई ऊंचाइयों की और तीसरी ट्रॉफी का सफर शुरू होगा?,KALTAK NEWS.COM

Gautam Gambhir in KKR: गौतम गंभीर फिर से कोलकाता नाइट राइडर्स में वापसी कर रहे हैं। शाहरुख खान की टीम, केकेआर ने गौतम गंभीर को आईपीएल 2024 के लिए अपने मेंटर के रूप में चुना है। कोलकाता नाइट राइडर्स ने अब तक आईपीएल में सिर्फ दो बार ट्रॉफी जीती हैं, और दोनों बार उनके कप्तान गौतम गंभीर थे। गौतम गंभीर ने आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स को एक सशक्त कप्तान बनाया और उन्होंने 2012 और 2014 में टीम को चैंपियन बनाया था।

गौतम गंभीर की वापसी से कोलकाता नाइट राइडर्स ने एक बार फिर से अपने सबसे अग्रणी और सबसे सफल कप्तान को अपने मेंटर के रूप में चुना है। गंभीर ने इस टीम को नेतृत्व करते हुए आईपीएल में दो बार ट्रॉफी जीती थी, जिसने उन्हें टूर्नामेंट के सबसे शानदार कप्तानों में से एक बना दिया।

कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए गंभीर का हमेशा से एक खास स्थान रहा है, और उनका मेंटर बनना टीम को और भी मजबूती प्रदान कर सकता है। गंभीर की नेतृत्व और कप्तानी में दक्षता के कारण, कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2012 और 2014 में आईपीएल का खिताब जीता और उन्हें टीम के सबसे यथासम्भाव कप्तान में माना जाता है।

गंभीर का मौजूदा मेंटर बनना केकेआर को नए ऊंचाइयों की दिशा में बढ़ने में मदद कर सकता है, और टीम को तीसरी बार आईपीएल खिताब की दिशा में एक कदम और बढ़ा सकता है।

केकेआर में वापस गए गौतम गंभीर

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज ने आईपीएल 2011 से लेकर आईपीएल 2017 तक कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेला, लेकिन आईपीएल 2018 में उन्होंने वापस दिल्ली की टीम में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने आईपीएल से संन्यास ले लिया था। अब गौतम गंभीर आईपीएल में मेंटर के रूप में टीम के साथ हैं। आईपीएल 2022 में आई नई टीम लखनऊ सुपर जायंट्स ने उनके साथ शुरुआत की, लेकिन उनका साथ दिनों तक नहीं बना रहा। गौतम गंभीर के मेंटर बनाए जाने के दौरान, लखनऊ ने आईपीएल 2022 की पॉइंट्स टेबल में तीसरे स्थान पर पहुंचा, जबकि आईपीएल 2023 में भी उनकी मेंटरशिप के बाद टीम ने लीग स्टेज को तीसरे स्थान पर खत्म किया।

हालांकि, लखनऊ के साथ आईपीएल में आई एक नई टीम गुजरात टाइटन्स ने आशीष नेहरा की मेंटरशिप में आईपीएल 2022 जीता, और 2023 में भी फाइनल तक पहुंचा, लेकिन लखनऊ की टीम एक बार भी फाइनल में नहीं पहुंच पाई। अब गौतम गंभीर ने लखनऊ को छोड़कर अपनी पुरानी और सबसे सफल टीम, कोलकाता नाइट राइडर्स, के साथ जुड़ने का निर्णय लिया है। इसके बाद देखना होगा कि पुराने और सबसे सफल नेतृत्व के बाद कोलकाता की टीम में कैसे बदलाव आता है।

गौतम गंभीर के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स का जुड़ना एक बड़ी खबर है और इससे केकेआर के प्रशंसकों में खुशी का माहौल बना हुआ है। गौतम गंभीर ने पहले भी केकेआर को दो बार आईपीएल खिताब जीतने में मार्गदर्शन किया है और अब उनका मेंटर बनना टीम के लिए एक नई ऊर्जा और उत्साह का कारण बनेगा। उनकी आईपीएल में अच्छी टीम मैनेजमेंट और नेतृत्व के कारण टीम ने दो बार चैम्पियनशिप जीती है और यह इनके मेंटर बनते हुए भी एक नई उच्चाधिकार की तलाश कर सकती है।

गौतम गंभीर की विशेषज्ञता बल्लेबाजी के क्षेत्र में है और उनका अनुभव टीम के युवा बल्लेबाजों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है। उनकी आंखों में क्रिकेट की दुनिया के प्रति प्यार और उनका खेलने का शौक टीम को मोटीवेट करने के लिए साबित हो सकता है। उनका साथ होना केकेआर को एक नए ऊर्जा से भर सकता है और कोचिंग स्टाफ के साथ मिलकर वे टीम को नए ऊचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

केकेआर के लिए गौतम गंभीर की मेंटरशिप का नियुक्ति होना एक सशक्त और अनुभवी नेतृत्व का संकेत है, जिससे टीम अगले आईपीएल सीजन में एक मजबूत प्रदर्शन कर सकती है।

लखनऊ का किया धन्यवाद

“लखनऊ सुपर जायंट्स का शुक्रिया अदा करने के लिए गौतम गंभीर ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया है। उन्होंने अपने पिछले टीम और मालिक को समर्पित किया है। साथ ही, कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने एक प्रेस रिलीज जारी करके घोषणा की है कि गौतम गंभीर इस बार ‘मेंटर’ के रूप में वापसी करेंगे और हेड कोच चंद्रकांत पंडित के साथ मिलकर टीम को नए ऊर्जा और दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।”

गौतम गंभीर की वापसी के संदर्भ में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने एक आधिकारिक प्रेस रिलीज जारी की है। उनके बारे में जानकर टीम ने कहा है, “गौतम गंभीर हमारी टीम के लिए एक सशक्त मेंटर हैं और हम उनके नेतृत्व में आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं। उनका अनुभव और ज्ञान हमारी टीम के युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन करेगा और हमें उनके साथ मिलकर एक और सफल सीजन की ओर बढ़ने में मदद करेगा।” इससे साफ है कि गौतम गंभीर की वापसी से कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम को एक मजबूत नेतृत्व मिलेगा और फैंस को नए उत्साह भरे सीजन की उम्मीद है।

ipl 2024 auction date players list-“कौन कौन हैं वो 10 सुपरस्टार्स? IPL 2024 Auction में होगा दंगल!”

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 ipl 2024 auction:- आईपीएल के आगामी सीजन का नीलामी समारोह 19 दिसंबर को दुबई में आयोजित होने वाला है। इस नीलामी में, वर्ल्ड कप 2023 में दिखाए गए खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत महत्वपूर्ण होगा।


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IPL Auction Big Names:

“IPL नीलामी के बड़े नाम: IPL 2024 के लिए रिटेन और रिलीज किए जाने वाले खिलाड़ियों की सूची जल्द ही सामने आने वाली है। कुछ ही दिनों में सभी 10 फ्रेंचाइज़ीज़ की इस लिस्ट का खुलासा होगा और तब तक दिसंबर की नीलामी की तैयारियाँ शुरू हो जाएंगी। इस बीच, 10 ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी लिस्ट में शामिल नहीं होंगे, लेकिन IPL 2024 की नीलामी में उन पर बड़ा धांवा हो सकता है। इन खिलाड़ियों ने भारत में खेले गए वर्ल्ड कप 2023 में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे उनकी मूल्यवान नीलामी हो सकती है। इन खिलाड़ियों के बारे में जानने के लिए यहां देखें…”

1. ट्रेविस हेड: वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल और फाइनल में ‘प्लेयर ऑफ दी मैच’ रहे इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को आईपीएल नीलामी में हर फ्रेंचाइजी अपनी टीम में शामिल करने का इरादा हो सकता है। यह बड़े मैचों का खिलाड़ी है जो ओपनिंग में विपक्षी गेंदबाजी के खिलाफ बड़ी ताकत रखता है, साथ ही जरूरत पड़ने पर वह धीमी पारी से भी अपनी टीम को जीत दिलाने की क्षमता रखता है।

2. मिचेल स्टार्क: ऑस्ट्रेलिया का यह तेज गेंदबाज पहले भी आईपीएल में खेल चुका है। इस बार, इनके फिर से आईपीएल में हिस्सा लेने की बातें गर्म हैं। अगर स्टार्क आईपीएल ऑक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करते हैं, तो निश्चित रूप से वह इस सीजन के सबसे महंगे बिकने वाले तेज गेंदबाजों में से एक बन सकते हैं।

3. दिलशान मदुशंका: श्रीलंका के इस तेज गेंदबाज ने वर्ल्ड कप 2023 के 9 मैचों में 21 विकेट हासिल किए थे। यह इस वर्ल्ड कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में तीसरे स्थान पर रहे थे। श्रीलंका के लिए इस खिलाड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में लाजवाब प्रदर्शन किया था। इन्हें आईपीएल नीलामी में अच्छे दाम मिल सकते हैं।

4. अजमतुल्लाह ओमरजई: अफगानिस्तान के इस युवा ऑलराउंडर ने पूरे टूर्नामेंट में सभी की दृष्टि अपनी ओर आकर्षित की। गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों में इस खिलाड़ी ने दिखाया कि वह मैच जीतने के लिए योग्य हैं। 9 मैचों में इस खिलाड़ी ने 70 के बल्लेबाजी औसत और 98 के स्ट्राइक रेट के साथ 353 रन बनाए। इन्होंने 7 के इकॉनॉमी रेट और 38 के बॉलिंग एवरेज के साथ 7 विकेट भी ले लिए हैं।

इस युवा खिलाड़ी ने तो टूर्नामेंट के दौरान अपनी मुश्किलें पार करते हुए सभी को चौंका दिया। उनका बल्लेबाजी का दमदार प्रदर्शन और गेंदबाजी में जादूगरी स्किल्स ने उन्हें एक विशेष स्थान पर ले आए हैं।

उनकी बल्लेबाजी ने टीम को कई मैचों में जीत दिलाई, और गेंदबाजी में उनका अद्वितीय योगदान टीम को मजबूती दिखाता है। उनकी आंकड़े इसे साबित करते हैं कि वह न केवल एक बल्लेबाज़ हैं, बल्कि एक उत्कृष्ट गेंदबाज भी।

आने वाले IPL नीलामी में उनका नाम सुनने को मिला तो यह सुनिश्चित है कि उन पर कई टीमें नजर रखेंगी। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण, उन्हें नीलामी में उच्च मूल्य पर जाने की संभावना है, और उनकी टीम में शामिल होने से उन्हें IPL मैदान में एक और बार सबका दिल जीतने का मौका मिलेगा।

5. गेराल्ड कोएत्जी: वर्ल्ड कप 2023 के टॉप-5 विकेट टेकर गेंदबाजों में शामिल रहे। उन्होंने मात्र 8 मैचों में ही 20 विकेट लेकर अपना दम दिखाया। वे अहम मौकों पर लेकर दक्षिण अफ्रीका को कई बार वापसी कराने में सफल रहे हैं।

6. रचिन रविंद्र: न्यूजीलैंड के इस युवा सितारे ने वर्ल्ड कप 2023 में पूरे टूर्नामेंट में धूम मचा दी। वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में पहले से चौथे नंबर पर रहे। 10 मुकाबलों में इन्होंने 64.22 की औसत से 578 रन जड़े। यह बल्लेबाज स्पिन के सामना भी बेहतर अंदाज में कर सकता है। गेंदबाजी में भी यह खिलाड़ी विकेट निकालने में माहिर है।

इस युवा सितारे ने अपनी बल्लेबाजी से हर किसी को प्रभावित किया है और उनका धमाकेदार प्रदर्शन टीम को जीत की ओर बढ़ने में मदद करता है। इनकी स्थिति में पहले से ही बड़ा बोझ होने के बावजूद, वह हर मुकाबले में अपनी खासियतों को साबित करते हैं।

इसके अलावा, इनकी गेंदबाजी भी काबिले तारीफ है। वह स्पिन गेंदों को सजीवन निकालने में सफल हैं और खुद को मैच के हर पल में यहसान बनाए रखने का कारण बना रहते हैं।

आने वाले IPL नीलामी में, इस सितारे को बहुत ज्यादा ध्यान मिलने की संभावना है। उनके बल्लेबाजी का दम और गेंदबाजी में निपुणता के कारण, उन्हें टीमें अपने साथ जोड़ने की इच्छा रखेंगी और उनका योगदान आने वाले सीजन में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

7. बॉस डी लीडे: नीदरलैंड्स के इस ऑलराउंडर ने भी अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से सभी का ध्यान आकर्षित किया है। वर्ल्ड कप 2023 में इस खिलाड़ी ने 9 मैचों में 16 विकेट लेकर अपना दम दिखाया। बल्लेबाजी में भी कुछ मौकों पर उन्होंने दम दिखाया है।

8. डेविड मलान: इंग्लैंड के इस विस्फोटक ओपनर ने वर्ल्ड कप 2023 में कुछ मौकों पर आतिशी पारियां खेलीं। वैसे, मलान बेहद शानदार फॉर्म में हैं और टी20 में विध्वंसक साबित हो सकते हैं। पिछली बार इन्हें कोई खरीदार नहीं मिला था लेकिन इस बार इन्हें अच्छी रकम मिलने के आसार हैं।

इस वक्त मलान बहुत ही प्रभावशाली बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, और उनकी तेज रन बनाने की क्षमता ने उन्हें एक खास खिलाड़ी बना दिया है। वह टी20 में अपनी ताकत दिखा रहे हैं और उनकी खेल की शैली से कई टीमें प्रभावित हो रही हैं।

पिछले सीजन में इन्हें कोई खरीदार नहीं मिला, लेकिन इस बार उन्हें बड़ी रकम मिलने के आसार हैं। उनके विस्फोटक प्रदर्शन के कारण, वे नीलामी में कई टीमों की नजरों में हो सकते हैं और उन्हें इस सीजन के IPL में बड़ा मौका मिल सकता है।

मलान का खुद का ब्रांड बना हुआ है, और उनकी खेल की शैली ने उन्हें विशेष बना दिया है जो टीमों को आंतरिक और बाहरिक नीलामी में उन्हें महंगे मौकों के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए बना रहा है।

9. पैट कमिंस: यह ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पिछले आईपीएल में टूर्नामेंट के बीच अपनी टीम से विभाजित हो गए थे। निजी कारणों के चलते उन्हें अपने कॉन्ट्रैक्ट को समाप्त करना पड़ा था। वह इस बार फिर से नीलामी में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो इन पर पैसों की बारिश हो सकती है।

10. सादिरा समरविक्रमा: श्रीलंका के इस बल्लेबाज ने वर्ल्ड कप 2023 में 53 की बल्लेबाजी औसत और 100+ के स्ट्राइक रेट से रन जड़े। पूरे टूर्नामेंट में इन्होंने 373 रन जड़े। ऐसे में इन्हें भी इस आईपीएल ऑक्शन में अच्छे दाम मिलने के आसार हैं। 

सादिरा समरविक्रमा ने वर्ल्ड कप 2023 में अपनी उदार बल्लेबाजी से सभी को चौंका दिया। उनकी बल्लेबाजी में 53 की औसत और 100+ के स्ट्राइक रेट से रन जड़ने ने उन्हें एक विशेष खिलाड़ी बना दिया। टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने 373 रनों की गिनती की, जो उनके लिए बड़ी उपलब्धि है।

इस बेहतरीन प्रदर्शन के बाद, इन्हें आने वाले आईपीएल ऑक्शन में बहुत ज्यादा मायने मिल सकते हैं। उनका अच्छा रन बनाने और मैचों में शानदार प्रदर्शन करने की क्षमता के कारण, वे नीलामी में कई टीमों की रहनुमाई में आ सकते हैं और उन्हें महंगे दामों पर खरीदा जा सकता है।

समरविक्रमा की खासियत यह है कि वह विभिन्न परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने में समर्थ हैं और उनकी गेंदबाजी से भी टीम को फायदा हो सकता है। आईपीएल में उनका हिस्सा होना उन्हें एक स्टार खिलाड़ी बना सकता है और उन्हें और उनकी क्रिकेट करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुँचा सकता है।

sbi new update 2023-“जानिए विनय एम टोंस का सफर: PO से MD तक कैसे पहुंचे, जो चलाएंगे सबसे बड़ा सरकारी बैंक!”

SBI new update 2023-“जानिए विनय एम टोंस का सफर: PO से MD तक कैसे पहुंचे, जो चलाएंगे सबसे बड़ा सरकारी बैंक!”….


“SBI Account: एसबीआई, भारत का सबसे बड़ा बैंक, माना जाता है। अब एसबीआई के साथ एक महत्वपूर्ण अपडेट हुआ है। विनय एम टोंस को एसबीआई का प्रबंध निदेशक (MD) नियुक्त किया गया है। इस विशेष अपडेट को जानें…”


SBI new update 2023-"जानिए विनय एम टोंस का सफर: PO से MD तक कैसे पहुंचे, जो चलाएंगे सबसे बड़ा सरकारी बैंक!",KALTAK NEWS.COM

State Bank of India: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को देश के सबसे बड़े कमर्शियल बैंक के रूप में माना जाता है। इस दौरान, एसबीआई से एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार ने विनय एम टोंस को एसबीआई के प्रबंध निदेशक (MD) के रूप में नियुक्त किया है। विनय को इस पद पर दो साल के लिए नियुक्त किया गया है, और उन्हें 30 नवंबर 2025 तक इस सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक के शीर्ष पद पर बनाए रखा जाएगा। वह वर्तमान में बैंक के डिप्टी एमडी के तौर पर कार्यरत हैं।

विनय एम टोंस का चयन एक महत्वपूर्ण कदम है जो दिखाता है कि सरकार ने एसबीआई को मजबूत कमार्शियल बैंक के रूप में बनाए रखने का उद्देश्य रखा है। विनय ने अपने पूर्व के पदों में से कई महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन किया है और उन्हें एसबीआई के प्रमुख के रूप में चयन किया गया है।

उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक है बैंक की व्यावसायिक गतिविधियों का प्रबंधन करना, विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं प्रदान करना, और बैंक के उच्चतम स्तर के नेतृत्व में योजनाएं बनाना शामिल है।

विनय एम टोंस का अधिकारिक पदभार स्वीकार करने के बाद, उन्हें बैंक की विभिन्न पहलुओं का संचालन करना होगा, जिसमें बैंक की संरचना में सुधार, नई योजनाएं, और बाजार में बढ़ती हुई प्रतिस्थापन शामिल हो सकते हैं। विनय एम टोंस की यह नियुक्ति एसबीआई को आगे बढ़ने में मदद करने और बैंक को विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मार्केट कैप

वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) ने विनय एम टोंस की एसबीआई में प्रबंध निदेशक (MD) पद के लिए सिफारिश की थी, और इसके बाद उन्हें इस पद के लिए नियुक्ति मिली है। इस नियुक्ति का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा किया गया था। इस नए पद में विनय एम टोंस को आगे बढ़ने का मौका मिला है, जिससे उन्हें एसबीआई की संगठनात्मक और वित्तीय क्षमता में मदद मिलेगी। एफएसआईबी ने उनकी सिफारिश को मंजूरी देने के बाद, इस प्रमुख नागरिक सेवा बैंक को एक नए नेतृत्व में मजबूती प्राप्त होगी। यह नियुक्ति एसबीआई के उच्च स्तर के प्रबंधन में और बैंक की स्थिति में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। बैंक की मार्केट कैप का उल्लेख करते हुए यह भी सामने आया है कि इसकी मार्केट कैप 21 नवंबर को 5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।

30 से ज्यादा साल का अनुभव

यह बताया जा रहा है कि विनय एम टोंस ने डिप्टी एमडी के रूप में टोंस कॉर्पोरेट अकाउंट्स ग्रुप (सीएजी) की देखभाल की, जो बड़े कॉर्पोरेट ग्राहकों को बैंक देता है। 1988 में प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ) के रूप में टोंस ने एसबीआई में शामिल होने का निर्णय किया था। इसके बाद से उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी कई जगहों पर काम किया है। टोंस का करियर 30 साल से ज्यादा का हो चुका है और उन्होंने अपने करियर के दौरान बैंक के प्रमुख कार्यों और परियोजनाओं का नेतृत्व किया है।

टोंस को एफएसआईबी के माध्यम से बैंक के उच्चतम पद पर चुना गया है, जहां से वह सबसे बड़े सरकारी बैंक, एसबीआई, की कमान संभालेंगे। उन्हें 30 नवंबर 2025 तक का समय मिला गया है और उन्हें बैंक की दिनचर्या और संचालन को सुनिश्चित करने का दायित्व है। वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) के अनुसार, टोंस ने अपने अब तक के करियर में बैंक के कई प्रमुख क्षेत्रों में अपनी योगदानी दी है और उनका अनुभव उन्हें इस उच्च पद के लिए अनुकूलित बनाता है।

खाली हो गया था बैंक का टॉप पद

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्वामीनाथन जानकीरमन को डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त किया जाने के बाद, बैंक का शीर्ष पद रिक्त हो गया था। इस समय, एसबीआई का प्रबंध चार प्रबंध निदेशकों और एक अध्यक्ष के साथ संचालित होता है। इस तरह, अब विनय एम टोंस बैंक के एमडी के पद को संभालेंगे।

विनय एम टोंस की नियुक्ति के बाद, एसबीआई ने बैंक के शीर्ष प्रबंध के रूप में उन्हें चुना है। उन्होंने बैंक में विभिन्न पदों पर 30 साल से ज्यादा का करियर बनाया है और उन्होंने विभिन्न विषयों में अपने अद्वितीय ज्ञान के लिए पहचान बनाई है। स्वतंत्रता के बाद भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़े प्रमुख पद पर नियुक्त होने वाले टोंस, अपने अच्छे कार्य और नेतृत्व के लिए पहचान बना चुके हैं। उनकी नेतृत्व क्षमताएं और वित्तीय अनुभव से भरपूर हैं, जिससे उन्हें बैंक के संचालन को मजबूती से संभालने का दावा करने का मौका मिला है।

tata tech ipo news- “रतन टाटा की कंपनी का IPO लॉन्च! ग्रे मार्केट में है बड़ा प्रीमियम, जानिए कितना है चल रहा है!”

tata tech ipo news- “रतन टाटा की कंपनी का IPO लॉन्च! ग्रे मार्केट में है बड़ा प्रीमियम, जानिए कितना है चल रहा है!”…


“रतन टाटा कंपनी का आईपीओ: निवेशक लंबे समय से इस आईपीओ का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आप 14,250 रुपये लगाकर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. टाटा ग्रुप करीब 2 दशकों के बाद किसी कंपनी का आईपीओ लेकर आ रहा है।”


tata tech ipo news- "रतन टाटा की कंपनी का IPO लॉन्च! ग्रे मार्केट में है बड़ा प्रीमियम, जानिए कितना है चल रहा है!",KALTAK NEWS.COM

Tata Tech IPO: रतन टाटा की कंपनी का आईपीओ कल से, यानी 22 नवंबर से, खुल रहा है। निवेशक इस आईपीओ का इंतजार लंबे समय से कर रहे थे। आप 14,250 रुपये लगाकर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। टाटा ग्रुप करीब 2 दशकों के बाद किसी कंपनी का आईपीओ लेकर आ रहा है। निवेशक 22 नवंबर से 24 नवंबर तक इस कंपनी के शेयरों में पैसा लगा सकते हैं। अगर आपका भी इस आईपीओ में पैसा लगाने का प्लान है, तो आपको पहले से सभी डिटेल्स की जाँच करनी चाहिए-

आईपीओ में निवेश करने का मौका आने पर निवेशकों को 22 नवंबर से 24 नवंबर तक का समय मिलेगा जब वे इस कंपनी के शेयरों में पैसा लगा सकते हैं। यदि आप भी इस आईपीओ में निवेश का विचार कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको इसकी सभी डिटेल्स जाँचनी चाहिए।

रतन टाटा की कंपनी ने इस आईपीओ के माध्यम से नए निवेशकों को मौका दिया है और इसे एक बड़े मुनाफे की सौगात बना सकता है। निवेशकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि इस प्रकार के निवेश में जुड़ी रिस्क्स और जिम्मेदारियों को ध्यान से समझना चाहिए और उचित सलाह लेनी चाहिए। आप भी इस आईपीओ से जुड़े हर सवाल का ठीक से उत्तर प्राप्त करने के लिए कंपनी के प्रोस्पेक्टस को ध्यान से पढ़ें और यदि आपका कोई सवाल हो, तो आपको प्रशिक्षित वित्त निवेश सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए।

इसके बाद, यदि आपको लगता है कि आप इसमें निवेश करना चाहते हैं, तो आपको इसे स्वीकृति देने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज़ और अन्य फॉर्मलिटीज़ पूरी करनी होगी।

कितना है ग्रे मार्केट में प्राइस?

टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) आज ₹351 है। इसका मतलब है कि, वित्तीय बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद कंपनी के शेयर बढ़त जारी हैं। शेयर ग्रे मार्केट में स्थिर हैं, और बाजार में गिरावट के बावजूद कंपनी के स्टॉक स्थिर बने हुए हैं। टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के शेयर अभी भी टाटा के मुकाबले 70 प्रतिशत के प्रीमियम पर उपलब्ध हैं।

ग्रे मार्केट प्रीमियम के साथ, टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयरों की लोकप्रियता बाजार में बनी हुई है। आईपीओ के चलते उन्हें इंवेस्ट करने का दिल कर रहे निवेशकों में बढ़ोतरी हो रही है। ग्रे मार्केट में शेयरों की उच्च मांग का मुख्य कारण इसकी अच्छी प्रतिस्थापना और विश्वसनीयता है।

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयरों में ग्रे मार्केट प्रीमियम की अच्छी दिखने वाली प्रक्रिया भविष्य में भी बनी रह सकती है। इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को ध्यान से बाजार की हर गतिविधि का संज्ञान रखना चाहिए और समय-समय पर बाजार की स्थिति की जाँच करनी चाहिए।

इसके अलावा, निवेशकों को ध्यान में रखना चाहिए कि ग्रे मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें और उनकी वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निर्णय लें। निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना भी अच्छा रहता है।

Tata Technologies IPO Details-

>> कब ओपन हो रहा है IPO – 22 नवंबर 2023
>> कब बंद हो रहा है IPO – 24 नवंबर 2023
>> मिनिमम कितना करना होगा निवेश – 14,250 रुपये
>> प्राइस बैंड – 475-500 रुपये
>> लॉट साइज – 30 शेयर्स

कितनी रहेगी किसकी हिस्सेदारी?

कंपनी का आईपीओ 22 नवंबर को बोली के लिए खुलेगा और 24 नवंबर को बंद होगा। एंकर निवेशक 21 नवंबर को बोली लगा सकेंगे। आईपीओ के तहत टाटा मोटर्स 11.4 फीसदी, निजी इक्विटी फर्म अल्फा टीसी होल्डिंग्स 2.4 फीसदी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड-1 1.2 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगी।

इस आईपीओ के माध्यम से कंपनी ने नए हिस्सेदारों को आमंत्रित किया है और हिस्सेदारी का भाग बनने का मौका दिया है। आईपीओ में टाटा मोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी का 11.4 फीसदी हिस्सा बेचने का निर्णय लिया है। निजी इक्विटी फर्म अल्फा टीसी होल्डिंग्स और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड-1 भी इस आईपीओ के तहत 2.4 फीसदी और 1.2 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगी आमंत्रित निवेशकों को।

आईपीओ के माध्यम से निवेश करने वाले निवेशकों को यह जानकर राहत मिलेगी कि आंकड़ों के अनुसार आंकड़े बहुत अच्छे हैं और इससे उम्मीद है कि आईपीओ में रुचि बनी रहेगी। इसमें हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लेने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि वित्तीय योजना की सुधार, नए परियोजनाओं के लिए पूंजी, और विनिवेश के लिए नए अवसरों की खोज। इस आईपीओ के माध्यम से कंपनी ने अपनी गति और स्थिति में सुधार करने का संकल्प जताया है और नए निवेशकों को आमंत्रित किया है उनके साथ साझेदारी करने के लिए।

कंपनी क्या करती है काम?

Tata Technologies कंपनी की बात की जाए तो इसका गठन करीब 33 साल पहले हुआ था। यह एक प्रोडक्ट इंजीनियरिंग और डिजिटल सर्विसेज के कारोबार में जुड़ी हुई कंपनी है। इसके अलावा, कंपनी ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल हेवी मशीनरी, और एयरोस्पेस सेक्टर्स को भी सर्विस देती है। इस कंपनी की प्रतिद्विंदी कंपनी में Cyient, Infosys, KPIT Technologies, Persistent शामिल हैं।

टाटा टेक्नोलॉजीज का मुख्य क्षेत्र प्रोडक्ट इंजीनियरिंग है, जिसमें वे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं की विकास प्रक्रिया में सहायक हैं। इसके अलावा, कंपनी डिजिटल सर्विसेज, इंफोटेनमेंट, और एंड-टू-एंड समाधानों में भी कार्रवाई करती है।

टाटा टेक्नोलॉजीज ने अपने 33 सालों के अनुभव के दौरान ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल हेवी मशीनरी, और एयरोस्पेस सेक्टर्स में विशेषज्ञता प्राप्त की है। यह कंपनी नवीनतम तकनीकी और डिजिटल नवाचारों का उपयोग करके ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के लिए समाधान प्रदान करने का प्रमिक उद्देश्य रखती है।

इसके साथ ही, टाटा टेक्नोलॉजीज की प्रतिद्वंदी कंपनियों में से कुछ Cyient, Infosys, KPIT Technologies, Persistent आदि हैं, जिनसे यह संग्रहित क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा करती है। कंपनी ने नवाचार, गुणवत्ता, और साथी संबंधों के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है और आगे भी उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को सम्मानभूत स्थान पर रखने का आग्रह रखती है।

करीब 2 दशक पहले आया था IPO

टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ के जरिए बाजार से करीब 4,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है। टाटा ग्रुप करीब 19 साल के बाद में आईपीओ लेकर आ रही है। इससे पहले टाटा ग्रुप का आईपीओ साल 2004 में आया था, जब कंपनी ने टीसीएस का आईपीओ लेकर बाजार में उतरी थी।

इस बार का आईपीओ टाटा टेक्नोलॉजीज के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे कंपनी बाजार से बड़ी राशि जुटा सकती है जो आगे के परियोजनाओं और विकास के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। टाटा ग्रुप ने लगभग दो दशकों बाद इस मुकाबले में भाग लेने का निर्णय किया है, और इस बार का आईपीओ इस यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बना रहा है।

टाटा टेक्नोलॉजीज का मुख्य उद्देश्य नई तकनीकों और डिजिटल समाधानों के माध्यम से ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के लिए उन्नत और स्थायी समाधान प्रदान करना है। उनका ध्यान उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं की विकसित प्रक्रिया में है, जिससे वे अपने ग्राहकों के साथ एक सुगम और समर्पित साथी के रूप में खड़े हो सकते हैं। इस आईपीओ के माध्यम से टाटा टेक्नोलॉजीज बाजार में अपनी मौजूदगी को मजबूती से महसूस करा रही है और इससे उम्मीद है कि वे अगले कुछ वर्षों में भी उच्चतम मानकों को बनाए रखेंगे।

 

Mohammed Shami’s mother hospitalized ahead of ICC World Cup 2023 final for the Indian cricketer-“मोहम्मद शमी का देश के लिए ऑस्ट्रेलिया से लोहा, लेकिन उनकी मां को करना पड़ा हॉस्पिटलाइज:देखिए दिलचस्प कहानी!

Mohammed Shami’s mother hospitalized ahead of ICC World Cup 2023 final for the Indian cricketer-मोहम्मद शमी का देश के लिए ऑस्ट्रेलिया से लोहा, लेकिन उनकी मां को करना पड़ा हॉस्पिटलाइज:देखिए दिलचस्प कहानी!..


Mohammed Shami's mother hospitalized ahead of ICC World Cup 2023 final for the Indian cricketer-मोहम्मद शमी का देश के लिए ऑस्ट्रेलिया से लोहा, लेकिन उनकी मां को करना पड़ा हॉस्पिटलाइज:देखिए दिलचस्प कहानी!,KALTAK NEWS.COM

भारत के प्रमुख गेंदबाज मोहम्मद शमी की मां अंजुम आरा को आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के फाइनल के दिन अहमदाबाद में होने वाले मैच के लिए जा रहे समय चक्कर आने की शिकायत के बाद डॉक्टर के पास ले जाया गया है। गेंदबाज का परिवार फाइनल मैच देखने के लिए अहमदाबाद जा रहा था, लेकिन मां की अचानक तबीयत में बिगड़ों के कारण उन्हें हॉस्पिटल में ले जाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके बड़े भाई हसीब और परिवार को मोदी स्टेडियम जाने का अधिकार है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में, उनकी मां ने एक दिन पहले ही बेटे और भारतीय टीम के विश्व कप जीतने के लिए दुआ मांगी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें चक्कर आने और घबराहट की शिकायत के कारण मुरादाबाद के सुपरटेक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि कोई गंभीर स्थिति नहीं है और उन्हें जल्दी ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

अंजुम आरा की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में विवाद बढ़ता है जब मोहम्मद शमी का परिवार उसे हॉस्पिटल में ले जाने के बाद उदाहरण और प्रेरणा का स्रोत बन गया है। भारतीय क्रिकेट टीम ने आज के फाइनल मैच के लिए अच्छा संदेश भेजते हुए अंजुम आरा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

मोहम्मद शमी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस मुश्किल समय में अपनी मां के लिए प्रार्थना बोली है और उनके समर्थन में खड़े होने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा है, ‘मेरी मां, अंजुम आरा, के लिए आप सभी से आपकी दुआओं की आवश्यकता है। हम सभी इस समय में इस जरूरतमंद मौके में उनके साथ हैं, और हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

यह घड़ी शमी के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन उनका समर्थन और उनकी मां के लिए सभी देशवासियों की दुआएं और प्रार्थनाएं हैं। टीम इंडिया और शमी के परिवार को साहस और स्थिरता की कामना है, और हम सभी आशा करते हैं कि उनकी मां शीघ्र ही पूरी तरह स्वस्थ होंगी।

इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, अंजुम ने अपने बेटे को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़े फाइनल के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान शमी को सफल बनाएं। वीडियो को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेल शुरू होने से कुछ घंटे पहले एजेंसी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर साझा किया था।

वीडियो में वह कहती दिख रही थीं – वह देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। भगवान उसे सफल बनाएं ताकि वह विश्व कप घर ला सके। शमी मौजूदा विश्व कप 2023 में आग लगा रहे हैं। पहले चार लीग मैचों से बाहर रहने के बावजूद उन्होंने फाइनल से पहले 6 मैचों में 23 विकेट झटके हैं। उन्होंने अब तक तीन बार पांच विकेट और एक बार चार विकेट हासिल किये हैं।

उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में मुंबई में सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ कहर बरपाया और वनडे में भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़े दर्ज किए। शमी ने 9.5 ओवर में 57 रन देकर 7 विकेट लिए, जिससे भारत ने ब्लैक कैप्स को 327 रन पर आउट कर टूर्नामेंट के ग्रैंड फिनाले में जगह बना ली।

 

  • आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है। यह ग्रैंड फिनाले देखने बड़ी-बड़ी हस्तियां पहुंची हैं। बातचीत, किंग खान यानी शाहरुख खान से लेकर लोकप्रिय सिंगर आशा भोसले तक, हर कोई मैदान में मौजूद है। चलिए, इन सभी सितारों पर एक नजर डालते हैं।
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    अहमदाबाद में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल देखने सदगुरु भी आए। उनके साथ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी दिखे।

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    बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान बीसीसीआई के सेक्रेटरी जय शाह के साथ फाइनल देखते हुए नजर आए। उनके साथ दिग्गज सिंगर आशा भोसले भी नजर आई। इतना ही नहीं बल्कि शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान भी फाइनल देखने स्टेडियम आई हैं।

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    बॉलीवुड के डैशिंग कपल दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह भी वर्ल्ड कप फाइनल देखने अहमदाबाद पहुंचे।

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    भारतीय क्रिकेटर्स की पत्नियां और बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा-अथिया शेट्टी भी टीम इंडिया को चीयर करने नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंची।

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    कप्तान रोहित शर्मा की पत्नी और दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की पत्नी भी स्टेडियम में नजर आई। रितिका सजदेह और प्रीति लगभग हर विश्व कप के मैच में दिखाई दी हैं।

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    बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वाइस प्रेजिडेंट राजीव शुक्ला भी नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल के दौरान दिखाई दिए।

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    भारत के गृह मंत्री अमित शाह भी भारत-ऑस्ट्रेलिया का फाइनल देखने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंचे।

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