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   Parliament news live today,संसद की विशाल आकृति: 1200 करोड़ रुपए की निवेश में बनी संसद की भव्यता….


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नए संसद भवन का शुभारंभ हो गया है, और इसके आगमन के साथ ही भारतीय लोकतंत्र के एक नए महत्वपूर्ण चरण की शुरुआत हो रही है। यह नया संसद भवन भव्यता और हाईटेक डिज़ाइन के साथ बनाया गया है, जिसमें कई खासियतें हैं जो इसे अनूठा बनाती हैं। नए संसद भवन की पहली खासियत उसकी विशालता है। इसमें कुल 1280 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है, जिससे अधिक संख्या में सांसदों को सहयोगी बैठकर सुधारी गई है। यह विशाल और आधुनिक इमारत भारतीय लोकतंत्र की विकास की प्रतीक है।

दूसरी खासियत यह है कि नए संसद भवन का निर्माण उच्च स्तर की सुरक्षा प्राथमिकता मानते हुए किया गया है। हाईटेक सुरक्षा उपायों की व्यवस्था की गई है, जिससे संसद के सदस्यों और इसकी संपत्ति को किसी भी जोखिम से बचाया जा सकेगा।

तीसरी बड़ी बात यह है कि नये संसद भवन का विद्युत संचालन हाईटेक तकनीकों से होगा। इसमें बिजली शक्ति से चलने वाली तंत्रिका प्रणालियों का उपयोग किया जाएगा, जो ऊर्जा की बचत के साथ-साथ सुरक्षा और प्रदर्शन की भी गारंटी देगा।

चौथी बड़ी बात यह है कि नये संसद भवन के लिए पर्यावरण संरक्षण का भी खास ध्यान रखा गया है। इसमें प्रदूषण कम करने और पौधरोपण को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं, जो हमारे प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इस रूप में, नए संसद भवन के आगमन से हम एक नई आधुनिक और हाईटेक युग की शुरुआत कर रहे हैं, जिसमें विकास, सुरक्षा, ऊर्जा संरक्षण, और पर्यावरण संरक्षण को मिलकर प्राथमिकता दी गई है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमारे लोकतंत्र की बढ़ती हुई ऊर्जा और उत्कृष्टता की दिशा में है।

नए भवन में इतने सदस्यों के बैठने की व्यवस्था

नए संसद भवन की इमारत ने भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और आधुनिक मोर्चा स्थापित किया है। यह नया संसद भवन एक बड़ा कदम है जो भारतीय संविधानिक प्रक्रिया को समृद्ध करने के लिए लिया गया है और इसके कई महत्वपूर्ण पहलु हैं।

नए संसद भवन की पहली खासियत है उसकी विशालता। इसमें लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं, जिससे संसद के सदस्यों के लिए अधिक व्यक्तिगत स्थान है। इसके अलावा, यदि दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है, तो लोकसभा कक्ष में कुल 1280 सदस्य बैठ सकते हैं, जो एक बड़े और महत्वपूर्ण विधायिका संसद का निर्माण करता है।

दूसरी खासियत यह है कि नये संसद भवन का निर्माण उच्च स्तर की सुरक्षा प्राथमिकता मानते हुए किया गया है। हाईटेक सुरक्षा उपायों की व्यवस्था की गई है, जिससे संसद के सदस्यों और इसकी संपत्ति को किसी भी जोखिम से बचाया जा सकेगा। इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग किया गया है जो सुरक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित करती हैं।

तीसरी बड़ी बात यह है कि नये संसद भवन का विद्युत संचालन हाईटेक तकनीकों से होगा। इसमें बिजली शक्ति से चलने वाली तंत्रिका प्रणालियों का उपयोग किया जाएगा, जो ऊर्जा की बचत के साथ-साथ सुरक्षा और प्रदर्शन की भी गारंटी देगा। इससे हम ऊर्जा संकट के समय भी आत्मनिर्भर रह सकते हैं।

चौथी बड़ी बात यह है कि नए संसद भवन के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है। इसमें प्रदूषण कम करने और पौधरोपण को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं, जो हमारे प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इस नए संसद भवन में सदस्यों के लिए आदर्श आवासन सुविधाएँ भी हैं, जिससे उनका काम करना और आराम से जीना भी संभव होगा। साथ ही, संसद के सदस्यों के लिए विशेष सुविधाएँ और तकनीकी सुधार भी की गई हैं, जिससे उनका कार्य प्रभावी और सुगम हो सके।

नए संसद भवन की इमारत को तैयार करने में खर्चे जाने वाले धन का बड़ा हिस्सा विकास और मॉडर्नाइजेशन के लिए उपयोग हुआ है, जिससे संसद के कामकाज को और भी सुगम बनाने का प्रयास किया गया है। इससे हम भारतीय लोकतंत्र को एक नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं और एक मॉडर्न और विकासशील देश की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। नए संसद भवन का उद्घाटन एक ऐतिहासिक पल है और यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक नया द्वार खोलता है, जो विकास, सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हमारे प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसका सफल उद्घाटन भारतीय संविधान और लोकतंत्र के महत्व को और भी मजबूत बनाएगा।

971 करोड़ रुपये का था ये प्रोजेक्ट

नए संसद भवन का निर्माण भारतीय संविधानिक तंत्र के नए युग की शुरुआत की ओर महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रोजेक्ट की दरवाजा खुलने से पहले, यहाँ तक कि इसकी आधारशिला रखने के बाद ही, यह भावना जागी कि भारत ने अपने विकास और प्रगति के लिए नई दिशा में कदम रखा है।

नए संसद भवन का निर्माण मानव निर्मित स्त्रोतों से जुदा है, जो इसे एक हाईटेक और सुरक्षित इमारत बनाते हैं। यह अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया है, जिससे इसकी ऊर्जा संरचना और प्रदर्शन पर भी सुरक्षा बनी रहेगी। इसके साथ ही, यह इमारत भूकंप के खिलाफ भी पूरी तरह से तैयार है, जिससे संसद के सदस्यों और संपत्ति को सुरक्षित रखने का पूरा यकीन है। इस प्रोजेक्ट के लिए Tata Projects को चुना गया, और इसकी अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये रखी गई थी। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिससे हमने विश्वस्तरीय और प्रशासनिक कुशलता की दिशा में भी प्रगति की है।

नए संसद भवन के निर्माण के पीछे का संदेश साफ है – भारत की प्राधिकृति और नागरिक सेवा के क्षेत्र में और भी मॉडर्न और उन्नत तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे देश को विश्व में और भी मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का मार्ग प्राप्त होगा। इससे नये भारत का निर्माण हो रहा है, जिसमें प्रगति, सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ विकास के नए संभावनाओं का विकास हो रहा है।

इन कारणों से बढ़ गई निर्माण की लागत

नए संसद भवन की निर्माण की लागत में बढ़ोतरी होने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं।

पहला कारण है सामग्री की मूल्यवृद्धि। नए संसद भवन के निर्माण के लिए उपयोग होने वाली स्टील, सीमेंट, और अन्य सामग्री की कीमतें वर्षों के पारंपरिक मूल्यों के मुकाबले बढ़ गई हैं। इससे निर्माण प्रक्रिया में लागतों की वृद्धि हो गई है।

दूसरा कारण है तकनीकी उन्नति। नए संसद भवन में एक मॉडर्न ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम का उपयोग किया गया है, जिससे सदस्यों को बेहतर और अधिक विवेकपूर्ण सेवाएँ प्रदान की जा सकती हैं। इसके लिए बढ़ी तकनीकी खर्च का भी प्रभाव देखा जा रहा है।

तीसरा कारण है सदस्यों की सुविधाओं का विस्तार। नए संसद भवन में सांसदों की टेबल पर टैबलेट जैसी चीजें शामिल हैं, जो उनकी कार्यवाही को मोआईना और आसान बनाती हैं। इसके लिए खास तकनीकी सुविधाएँ और उपकरणों का उपयोग किया गया है, जो लागत में वृद्धि का कारण बने हैं।

अंत में, नए संसद भवन की बजट में वृद्धि होने का कारण है विभागों की उम्मीदें। सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (CPWD) ने प्रोजेक्ट की लागत को बढ़ा दिया था और इसकी बजट 1200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। यह सरकारी विभागों के बीच बजट और काम के बीच समझौतों की परिणामस्वरूप बजट में वृद्धि के कारण भी हो सकती है।

इन कारणों से नए संसद भवन की निर्माण की लागत में वृद्धि हुई है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है जो भारतीय संविधान की गहरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हो रहा है।

अधिकारी-कर्मचारियों के हाईटेक ऑफिस

नए संसद भवन में अधिकारी-कर्मचारियों के हाईटेक ऑफिस के अलावा विभिन्न अत्याधुनिक सुविधाएँ भी मौजूद हैं, जो इसको एक विशेष और उन्नत स्थान बनाती हैं।

संसद भवन के चार मंजिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों के ऑफिसों का व्यवस्थित और हाईटेक होना उनके कार्य को और भी प्रभावी बनाता है। यहाँ पर कैफे और डाइनिंग एरिया के साथ-साथ कमेटी मीटिंग के लिए विशेष कमरे भी हैं, जिनमें हाईटेक डिवाइसेज और सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी कार्य और बैठकें अच्छे तरीके से प्रबंधित की जा सकें और सरकारी कार्यों को सुविधाजनक तरीके से पूरा किया जा सके।

नए संसद भवन में अधिकारियों के लिए कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए विशेष लाउंज, और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है। यह सभी सुविधाएँ उनके आरामदायक और उत्तरदायी कार्यों को संज्ञान में रखती हैं और उन्हें एक सुखद और सहज माहौल में काम करने का अवसर प्रदान करती हैं। इस नए संसद भवन का यह भी उद्देश्य है कि सभी कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को एक अत्यंत सुरक्षित और अनुभव यात्रा की जगह मिले, जो उनके कार्य को और भी प्रभावी और उत्तरदायी बनाती है। इससे सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों को विश्वस्तरीय तरीके से प्रबंधित करने का भी मौका मिलता है, जिससे देश के विकास में सहायक बनता है।

इस कंपनी ने तैयार की है नई संसद की डिजाइन

नए संसद भवन की डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली कंपनी HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, गुजरात का एक प्रमुख आर्किटेक्चर फर्म है। इस कंपनी ने भारतीय संसद के नए भवन के डिज़ाइन को हाईटेक और सुरक्षित बनाने के लिए अपनी विशेष अद्यतन और व्यावासिक दिशाओं का उपयोग किया है।

मुख्य आर्किटेक्ट बीमल पटेल का योगदान भारतीय आर्किटेक्चर में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण और प्रमुख इमारतों के डिज़ाइन किए हैं, और उन्हें 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उन्होंने विश्वनाथ धाम काशी, गुजरात हाईकोर्ट बिल्डिंग, आईआईएम अहमदाबाद कैंपस, टाटा सीजीपीएल टाउनशिप, साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, और पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी जैसी कई महत्वपूर्ण और प्रमुख इमारतों के डिज़ाइन किए हैं।

नए संसद भवन का डिज़ाइन विशेषज्ञता और नवाचार का परिणाम है, जो इसे एक आधुनिक और हाईटेक इमारत बनाता है। इस डिज़ाइन में सुरक्षा, सुविधा, और आर्किटेक्चर की दृष्टि से विचार किए गए हैं, जो नए संसद भवन को भारतीय लोकतंत्र की महत्वपूर्ण स्थानों में से एक बनाता है।

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