Rahul Gandhi: आखिरी वक्त पर कैसे बदला कांग्रेस का स्पीकर, क्यों नहीं बोले राहुल गांधी? जानें पूरी कहानी

Rahul Gandhi: आखिरी वक्त पर कैसे बदला कांग्रेस का स्पीकर, क्यों नहीं बोले राहुल गांधी? जानें पूरी कहानी


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, संसद में वापस लौटने वाले राहुल गांधी के भाषण की प्रतीक्षा हर किसी के मन में थी। उनके द्वारा व्यक्त की जाने वाली राय और उनकी रणनीति की समझ के लिए सभी जागरूक थे। अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल की पहली बोलचाल की तैयारी की गई थी, लेकिन वक्त के साथ इसमें बदलाव आया। अब हम सब देखेंगे कि राहुल गांधी कब बोलते हैं और इसके पीछे उनकी किस रणनीति का सामर्थ्य है।


Rahul Gandhi: आखिरी वक्त पर कैसे बदला कांग्रेस का स्पीकर, क्यों नहीं बोले राहुल गांधी? जानें पूरी कहानी KALTAK NEWS.COM

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

मंगलवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत हुई और इस उपहार के साथ विपक्ष ने सरकार के खिलाफ तीखे आरोप उठाए, खासकर मणिपुर मसले के संदर्भ में। सरकार ने भी इस पर पलटवार किया और इस बहस का मंगलवार और गुरुवार दोनों दिन तक आयोजन किया। जब इस चर्चा की शुरुआत होने वाली थी, तो सभी उम्मीद से उत्साहित थे कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इसे बहस की शुरुआत करेंगे। सोशल मीडिया से लेकर सरकार और विपक्षी पार्टियों तक, सभी तैयार थे। लेकिन इस बीच ही, एक आश्चर्यजनक घटना घटी और बहस का रुख बदल गया।

नॉर्थ ईस्ट से आए गौरव गोगोई ने अचानक अपने विचार व्यक्त किए और बहस की शुरुआत की। यह एक अच्छी परिवर्तनशीलता की उदाहरण थी, जिससे सभी अचंभित रह गए। राहुल गांधी की आशंका जिस तरीके से गौरव गोगोई ने उनके स्थान पर उपस्थित होकर बहस की शुरुआत की, वह बहस के माहौल में बदलाव की स्थिति थी।

संसद में विपक्षी दलों की ओर से बहस शुरू होने के बाद राहुल गांधी ने खुद की जगह पर उपस्थित होने से इनकार किया, जिसके बाद गौरव गोगोई ने अपने विचार व्यक्त किए। यह घटनाक्रम स्पष्ट रूप से बताता है कि राहुल गांधी ने अपने विचार को लेकर कितने तय किए थे, लेकिन उनके योग्यता का मुकाबला उनके विरोधी पार्टी के सदस्य गौरव गोगोई ने किया और उसने बहस को नए दिशा देने में सफलता प्राप्त की।

राहुल गांधी के संसद में लौटने के मायने क्या हैं?

कांग्रेस द्वारा लिए गए इस निर्णय ने सभी को अचंभित किया, जिसका परिणामस्वरूप सरकार के प्रमुख मंत्रियों ने भी इसका उपयोग करके कांग्रेस पर ताने मारे और उन्होंने कहा कि हम सभी राहुल गांधी के भाषण की प्रतीक्षा कर रहे थे, क्योंकि उनका ही नाम तो पहले तो बहस की शुरुआत के लिए उठाया गया था। लेकिन आखिर में कुछ अन्य हुआ। इसके परिणामस्वरूप, बीजेपी के अधिकांश प्रवक्ता ने इस मुद्दे को उठाया और राहुल पर निशाना साधा।

कब बोलेंगे राहुल गांधी?

सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी बुधवार या गुरुवार को ही संसद में अपने भाषण को प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्हें बुधवार को राजस्थान का दौरा करने की योजना है, इसके पूर्व वह संसद में अपनी भाषण को प्रस्तुत कर सकते हैं। कांग्रेस भी इस पर पूरी ध्यान देने की कोशिश कर रही है कि सरकार को यहां-वहां रखकर उनके भाषण को महत्वपूर्ण बनाया जा सके, ताकि उनकी स्पीच अपनी चुटकुले की तरह सरकार के खिलाफ प्रभावी हो सके।

मानहानि के मामले में राहुल गांधी को जिन दो सालों की सजा के बाद संसद में वापसी मिली है, उस पर प्रतिबंध लगाने के बाद वह अब संसद में फिर से उपस्थित हो सकेंगे। उनके बंगले को भी वापस मिल रहा है, और जल्द ही उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड जाना होगा, जिस दौरान हर कोई उनकी लोकसभा स्पीच का इंतजार कर रहा है।


अविश्वास प्रस्ताव पर कैसे चले तीर

मणिपुर मसले को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे लगातार विरोध के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा की शुरुआत हुई। इस चर्चा के पहले ही दिन यह स्पष्ट हो गया कि विपक्ष ने न केवल मणिपुर के मसले पर ही बल्कि अन्य विषयों पर भी सरकार पर हमलावर होने की योजना बनाई है, और इसके परिणामस्वरूप सत्ता पक्ष भी अब बस पलटवार करने में रुचिरहित है। निशिकांत दुबे, किरण रिजिजू, श्रीकांत शिंदे, नारायण राणे आदि नेताओं ने सरकार के पक्ष में तीखे वक्तव्य किए, जबकि विपक्षी दल के नेता गौरव गोगोई, सुप्रिया सुले, सौगत रॉय जैसे नामों ने उनके खिलाफ जवाब दिया।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कुल 16 घंटे का समय आवंटित किया गया है, जिसमें से अब तक कुछ ही घंटे की चर्चा हुई है। आगे बुधवार और गुरुवार को दोनों पार्टियों के बड़े नेता अपने भाषण प्रस्तुत कर सकते हैं, जैसे कि अमित शाह, राहुल गांधी, निर्मला सीतारमण, ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि, और अंत में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपना जवाब देंगे।

 

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