RBI के UDGAM पोर्टल से हासिल करें अपने अनक्लेम अमाउंट को

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RBI के UDGAM पोर्टल से हासिल करें अपने अनक्लेम अमाउंट को KALTAK NEWS.COM

 

अनक्लेम्ड अमाउंट के लिए आरबीआई का उपाय: UDGAM पोर्टल का महत्व


देश के पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने हाल ही में अपने आंकड़ों के माध्यम से बताया है कि मई 2023 में उनके पास 35 हजार करोड़ से ज्यादा के अनक्लेम्ड अमाउंट, डिपॉजिट, और खाते हैं। इस संपत्ति को उनके उत्तराधिकारियों तक पहुंचाने के लिए आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने एक नया डिजिटल पहलु लाया है, जिसका नाम ‘UDGAM’ है। यह ऑनलाइन पोर्टल उन लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जिनके पास किसी कारणवश अपने डिपॉजिट या खातों में अनक्लेम्ड धन है और वे इसे प्राप्त करना चाहते हैं।

UDGAM पोर्टल का प्रारंभ एक स्तर से हो चुका है, लेकिन यह 16 अक्टूबर 2023 से फुल फेज में काम करना शुरू करेगा। पोर्टल का मुख्य उद्देश्य अनक्लेम्ड अमाउंट को उन लोगों तक पहुंचाना है जिनके डिपॉजिट या खातों में संपत्ति बची है, लेकिन उन्हें इसके बारे में पता नहीं है। उपयोगकर्ता आसानी से इस पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी दर्ज करके चेक कर सकते हैं कि क्या उनके नाम पर अनक्लेम्ड अमाउंट है या नहीं।

यह एक बड़ी साझेदारी का हिस्सा है, जिसमें अभी तक केवल 7 बैंकों ने शामिल होने का एलान किया है। ये बैंक आरबीआई के UDGAM पोर्टल के माध्यम से उन लोगों को जानकारी प्रदान करेंगे जिनके पास अनक्लेम्ड अमाउंट है, ताकि उन्हें उसे प्राप्त करने की प्रक्रिया का आसान और सुरक्षित तरीके से पता चल सके।

यह पोर्टल उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित और आसान है। उपयोगकर्ता केवल अपनी

पहचान और खाते की जानकारी का उपयोग करके अपने अनक्लेम्ड अमाउंट की जांच कर सकते हैं। इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए भी सुझाव दिया जाता है कि वे आधिकारिक RBI वेबसाइट से ही इस पोर्टल का उपयोग करें, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित रहे।

अब उपयोगकर्ताओं को अपने अनक्लेम्ड अमाउंट की प्राप्ति के लिए बैंक में जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के UDGAM पोर्टल के माध्यम से वे अपनी संपत्ति की स्थिति की जांच कर सकते हैं और जरूरतानुसार उसे प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल RBI की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो लोगों को उनके अपने अनक्लेम्ड अमाउंट को प्राप्त करने में मदद करेगा।

अनक्लेम्ड अमाउंट और उसके प्रमुख पहलु: जानें खाते की असामयिकता का कारण


आरबीआई के द्वारा पेश की गई नई पहल ‘UDGAM’ पोर्टल के माध्यम से अनक्लेम्ड अमाउंट या लावारिस संपत्ति की मामूल जानकारी उपलब्ध कराने का काम कर रही है। यह पोर्टल उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है जो अपने अनक्लेम्ड अमाउंट को प्राप्त करने के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं या उनके पास यह जानकारी नहीं होती है। इसके पहले कि हम इस पहलू पर गहराई से बात करें, हमें अनक्लेम्ड अमाउंट की मूल अर्थव्यवस्था को समझने का प्रयास करेंगे।

अनक्लेम्ड अमाउंट, जिसे लावारिस संपत्ति भी कहा जाता है, एक प्रकार की संपत्ति है जो बैंकों में डिपॉजिट अमाउंट या खाते में संजया गया है लेकिन उस पर किसी भी प्रकार की गतिविधि या लेन-देन की अभिवादना नहीं की गई हो। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति अपने डिपॉजिट या खाते को दस साल या उससे अधिक समय तक नहीं छूता है, तो उसे उसकी लावारिस संपत्ति के रूप में गिना जाता है। यह अमाउंट उन ग्राहकों के खातों में होता है जो अपने खातों को निष्क्रिय या बंद कर देते हैं और उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं दी जाती है।

अनक्लेम्ड अमाउंट की स्थिति कई कारणों के चलते उत्पन्न होती है। पहला कारण होता है जब ग्राहक खातों का लंबे समय तक उपयोग नहीं करते हैं। यदि किसी व्यक्ति के डिपॉजिट या खाते में कुछ सालों तक कोई जमा या निकालने की कोई गतिविधि नहीं होती, तो उसका अमाउंट अनक्लेम्ड हो जाता है। इसके अलावा, ग्राहकों को अपने लॉकर और फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम की जानकारी देने की कमी होने पर भी उनके खातों में अनक्लेम्ड अमाउंट उत्पन्न हो सकता है। लंबे समय तक मेच्योरिटी एफडी को भुनाने के बारे में बैंकों को सूचित नहीं करने पर भी खाते अनक्लेम्ड हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कारण अक्सर लोगों के लैट जनिंग या लैट नॉमिनी नाम से जुड़े होते हैं।

अनक्लेम्ड अमाउंट की पहचान और उसकी प्राप्ति के लिए RBI का ‘UDGAM’ पोर्टल एक महत्वपूर्ण साधन है। यह पोर्टल ग्राहकों को उनके अनक्लेम्ड अमाउंट की जांच करने और प्राप्त करने का एक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका प्रदान करता है। इसके माध्यम से ग्राहक अपने खातों में बंद धन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं। यह पोर्टल उन ग्राहकों के लिए भी उपयोगी हो सकता है जिन्हें खातों की जानकारी नहीं होती है और वे अपनी लावारिस संपत्ति को प्राप्त करने में संकोच करते हैं।

इस तरीके से, RBI का ‘UDGAM’ पोर्टल उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक हो सकता है जो अनक्लेम्ड अमाउंट की पहचान और प्राप्ति के लिए साधन खोज रहे हैं। यह न केवल ग्राहकों को उनकी संपत्ति की स्थिति की जांच करने में मदद करता है, बल्कि बैंकों को भी उनके अनक्लेम्ड अमाउंट को समय से प्राप्त करने में मदद करता है। इसके साथ ही, यह एक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका प्रदान करता है जो ग्राहकों को उनके अनक्लेम्ड अमाउंट को प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।

बैंकों में अनक्लेम्ड अमाउंट के रूप में 35,012 करोड़ रुपये


आरबीआई ने वर्ष 2023 के मई महीने में जारी किए गए आंकड़ों में दिखाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अनक्लेम्ड डिपॉजिट अमाउंट को एक महत्वपूर्ण परिमाण में पहुंचाया है। इस दिशा में उन्होंने फरवरी 2023 तक के आंकड़ों में विशेष ध्यान दिया, जिनसे पता चलता है कि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने संभावित अनक्लेम्ड अमाउंट को घोषित किया है।

इन आंकड़ों के अनुसार, एसबीआई ने सबसे ज्यादा अनक्लेम्ड डिपॉजिट अमाउंट को प्राप्त किया है, जो 8,086 करोड़ रुपये है। यह एक महत्वपूर्ण विशिष्टता है क्योंकि यह बैंक ने सबसे अधिक अनक्लेम्ड अमाउंट को उधारण किया है और इससे यह स्पष्ट होता है कि उनके ग्राहकों के बीच उपयोगकर्ता सावधानी और ध्यानपूर्वक वित्तीय लेन-देन की आवश्यकता है।

पंजाब नेशनल बैंक ने भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें उनके पास 5,340 करोड़ रुपये के अनक्लेम्ड डिपॉजिट अमाउंट की रकम है। इसके बाद, केनरा बैंक के पास 4,558 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 3,904 करोड़ रुपये के अनक्लेम्ड अमाउंट है। यह बैंकों के वित्तीय स्थिति को प्रकट करने में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके संभावित उधारण और ऋण श्रेणी को प्रकट करता है जिनके लिए उन्हें वित्त प्रदान करना हो सकता है।

आरबीआई का ‘UDGAM’ पोर्टल इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पोर्टल ग्राहकों को उनके अनक्लेम्ड अमाउंट की जानकारी प्राप्त करने और प्राप्त करने के लिए आसानीपूर्वक माध्यम प्रदान करता है।

यह उन ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है जिन्होंने अपने बैंक खातों को लंबे समय तक उपयोग नहीं किया है और उनके अनक्लेम्ड डिपॉजिट अमाउंट की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।

इस प्रकार, आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़े और ‘UDGAM’ पोर्टल की शुरुआत से, ग्राहकों को उनके अनक्लेम्ड अमाउंट की पहचान और प्राप्ति में सहायता मिलेगी, जिससे वे अपने वित्तीय संरचना को और भी सुरक्षित बना सकते हैं। यह भारतीय बैंक सेक्टर की वित्तीय स्थिति में अच्छे निर्णयों का परिणाम है जो ग्राहकों को सुरक्षित और आसान तरीके से उनके अनक्लेम्ड अमाउंट की पहचान और प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।

आरबीआई UDGAM पोर्टल पर लावारिस खाते कैसे ढूंढे?


आरबीआई के UDGAM पोर्टल के माध्यम से ग्राहकों को अपने लावारिस डिपॉजिट और खातों की जानकारी प्राप्त करने में एक आसान और सुरक्षित तरीका प्रदान किया गया है। इस पोर्टल का लॉन्च होना ग्राहकों के लिए बड़ी सुविधा है क्योंकि यह उन्हें अपने अनक्लेम्ड डिपॉजिट और खातों की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।

फिलहाल, इस पोर्टल पर 7 बैंकों की जानकारी उपलब्ध हो चुकी है, जिनमें लावारिस डिपॉजिट और खातों की सूची दी गई है। ये बैंक अपनी वेबसाइटों पर क्लेम न किए गए डिपाजिट की जानकारी पोर्टल पर साझा करने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक आसानी से विजिट करके उन जानकारियों को देख सकते हैं। आरबीआई ने बाकी बैंकों को भी 15 अक्टूबर 2023 तक पोर्टल में शामिल होने की अपील की है, ताकि आने वाले समय में और भी बैंकों की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध हो सके। इस से यह सुनिश्चित होगा कि लगभग सभी बैंकों के अनक्लेम्ड डिपॉजिट और खातों की जानकारी ग्राहकों के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाएगी, जो उन्हें उनकी वित्तीय स्थिति की समय-समय पर जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगी।

  1. भारतीय स्टेट बैंक
  2. पंजाब नेशनल बैंक
  3. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  4. धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड
  5. साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड
  6. डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड
  7. सिटी बैंक

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