UP news today:डीएम के आदेश पर पुलिस और JE को भेजा गया थाने, जानिए क्या है पूरा मामला….
“डीएम की कठिन निर्णय: बिजली कनेक्शन देने में लापरवाही का मामला”
देवरिया जिले में हुए एक महत्वपूर्ण घटने के बारे में बात करते हुए, डीएम ने एक महत्वपूर्ण और कठिन निर्णय पर पहुंचा। विद्युत कनेक्शन के मामले में लापरवाही की शिकायत को देखते हुए डीएम ने जेई को पुलिस हिरासत में लिया और सीधे थाने भेज दिया। इस मामले के पीछे की कहानी में डीएम ने स्पष्ट किया कि तहसील दिवस के अवसर पर विद्युत कनेक्शन से संबंधित अनियमितता की शिकायत दर्ज की गई थी, और इसमें सबंधित जेई की बार-बार शिकायत आई थी।
डीएम का कहना है कि जेई के द्वारा किए गए व्यवहार का उचित नहीं था, और ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाना जरूरी होता है। विद्युत कनेक्शन की मांग में हो रही अनियमितता का समाधान करने के लिए डीएम ने पुलिस को जांच करने का आदेश दिया है, ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आ सके। इस मामले के बारे में और अधिक जानकारी जानने के लिए पुलिस जांच का इंतजार हो रहा है, जिससे इस मामले की सच्चाई सामने आ सके और उचित कदम उठाया जा सके।
बिजली कनेक्शन की लापरवाही पर डीएम का सख्त संदेश: जेई को पुलिस हिरासत में लिया”
देवरिया जिले में बिजली कनेक्शन से संबंधित एक मामले में डीएम ने जेई को पुलिस हिरासत में लिया है, जिससे एक महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है। इस मामले की शुरुआत तहसील दिवस के मौके पर एक पीड़ित की शिकायत से हुई, जिसमें बिजली कनेक्शन के अनियमितता का जिक्र था। इस मामले में सबसे अधिक चिंता की बात यह थी कि जेई के द्वारा बार-बार अनियमित व्यवहार की शिकायत आई थी।
डीएम अखंड प्रताप सिंह ने इस मामले में सख्ती से कदम उठाया और जेई को पुलिस हिरासत में लिया, जिससे एक संदेश दिया गया कि ऐसे मामलों में अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीएम ने जेई के द्वारा किए गए अवैध व्यवहार की जांच की बजाय उन्हें पुलिस की निगरानी में रखा है, जिससे इस मामले की सच्चाई सामने आ सके। इस मामले में डीएम का सख्त स्टैंड दिखाता है कि सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी और जनता के हित में सख्त कदम उठाएगी।
बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था
“बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने के बाद भी अनियमितता, जेई को पुलिस हिरासत में लिया गया”
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के खोड़ा गांव के रहने वाले छेदीलाल यादव ने बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन उन्हें अपने आवेदन की स्थिति की चिंता थी क्योंकि उनका आवेदन करीब एक महीना हो गया था और उन्हें अब तक कनेक्शन नहीं मिला था।इस मामले में अनियमितता के चलते डीएम अखंड प्रताप सिंह ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया और जेई को पुलिस हिरासत में लिया गया। डीएम ने बताया कि छेदीलाल यादव के द्वारा किए गए अवैध व्यवहार की जांच करने के लिए जेई को पुलिस की निगरानी में रखा गया है।
इस घटना से साफ होता है कि अनियमितता और लापरवाही किसी भी क्षेत्र में समाज के विकास को रोकने का कारण बन सकते हैं। सरकारों के सशक्त कदम और नागरिकों के सही अधिकारों की सुनिश्चित करने की मांग से ऐसे मामलों में सुनाया जा रहा है कि समाज में सुधार हो सकता है और सबको समान अधिकार मिल सकते हैं।
एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई नहीं पहुंचा
“एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अन्याय का सामना”
पिछले सप्ताह, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के खोड़ा गांव के रहने वाले छेदीलाल यादव ने बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। उनका आवेदन करीब एक महीना हो गया था, लेकिन उन्हें अब तक कनेक्शन नहीं मिला था। वे परेशान थे और अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई बार बिजली विभाग के चक्कर काट चुके थे, लेकिन बिना किसी परिणाम के। शनिवार को, जनवरी 21 को, छेदीलाल यादव ने तहसील में समाधान दिवस में जिलाधिकारी से मिलकर अपनी समस्या को साझा किया। वह उम्मीद कर रहे थे कि जिलाधिकारी की यह संज्ञान में आएगा और उनकी समस्या का समाधान होगा।
हालांकि, जेई ने पहले तो कहा था कि वह एक सप्ताह में जांच के लिए मौके पर पहुंचेंगे, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई नहीं पहुंचा। छेदीलाल यादव को यह स्थिति और भी परेशानी में डाल दी, और उन्होंने SDO से मिलने का निर्णय लिया। इस मामले से स्पष्ट होता है कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए न केवल कानूनी प्रक्रिया महत्वपूर्ण होती है, बल्कि सरकारी अधिकारियों की सजगता और क्रियाशीलता भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। लापरवाही और अनियमितता की स्थिति में, जनता को सरकारी अधिकारियों पर भरोसा रखना चाहिए, और उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
संतोषजनक जवाब न मिलने पर जेई को भेजा थाने
“जेई की लापरवाही पर DM के कठिन निर्णय का परिणाम”
यह कहानी है उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के एक गांव की, जहां बिजली कनेक्शन लेने के लिए एक नागरिक ने अपना आवेदन किया था। छेदीलाल यादव नामक इस नागरिक ने अपना आवेदन एक महीना पहले किया था, लेकिन उन्हें अभी तक कनेक्शन नहीं मिला था। उन्होंने विद्युत विभाग के चक्कर काटे, लेकिन अनियमितता और लापरवाही के चलते कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
इसके बाद, छेदीलाल यादव ने तहसील में समाधान दिवस के मौके पर जिलाधिकारी से मिलकर अपनी समस्या को बताया, उम्मीद करते हुए कि उनकी समस्या अब हल होगी। जेई द्वारा दी गई बेहतरीन सेवा की उम्मीद में, छेदीलाल यादव ने इस निर्णय का इंतजार किया। जेई ने उन्हें एक सप्ताह में जांच के लिए अपॉइंटमेंट देने का कहा था, लेकिन एक सप्ताह की मायादा के बाद भी उनके पास कोई जवाब नहीं आया।
सभी संदेहों को दूर करने के लिए, छेदीलाल यादव ने DM से मिलकर पुनः समस्या को साझा किया, उम्मीद करते हुए कि उनकी समस्या अब हल होगी। DM ने उनके शिकायत का सीधा आदेश देने का निर्णय लिया, क्योंकि जेई ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। यह मामला हमें यह सिखाता है कि सरकारी अधिकारियों को नागरिकों की समस्याओं के समाधान में तत्परता और सक्रियता बनाए रखने की आवश्यकता है। यह भी हमें याद दिलाता है कि जब नागरिक अपने अधिकारों का उपयोग करते हैं, तो सरकारी अधिकारी उनकी बातों को सीरियसली लेने के लिए तैयार रहने चाहिए।